विपक्ष का कहना है कि उचित मूल्य की बात 14 साल बाद क्यों हो रही है? सच तो यह है कि शिवराज उचित मूल्य के नाम पर किसानों से लगातार धोखाधड़ी करते आ रहे हैं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि सम्मेलन में ढाई लाख किसानों के आने का दावा करने वाली शिवराज सरकार के सरकारी धन के अपव्यय वाले ‘शो’ में मात्र 20 हजार लोग पहुंचे, जिनमें ज्यादातर भाजपा कार्यकर्ता शामिल थे।
उन्होंने कहा कि इस पूरे आयोजन पर 10 करोड़ रुपये खर्च करने वाली सरकार ने जो घोषणाएं की हैं, वे नई नहीं हैं। शिवराज सिंह चौहान ये घोषणाएं पिछले 14 साल से कई किसान पंचायतों में करते आ रहे हैं। यह आयोजन महज एक प्रायोजित शो था। शिवराज ने इसे शो के अंदाज में ही पेश भी किया।सिंह ने कहा कि इस प्रदेश की जनता, विशेषकर किसानों को उनकी घोषणाओं से सिर्फ यही आपत्ति है कि वे होती हैं, पर पूरी नहीं होतीं। यही कारण है कि सोमवार को भोपाल में फिजूलखर्ची का ब्रांडिंग शो चल रहा था। उसी समय मुख्यमंत्री शिवराज के गृह व विधानसभा क्षेत्र के 500 किसान जो हमीदगंज, गोपालपुर और बौड़ी सहित 12 गांवों से पैदल मार्च करते हुए नसरूल्लागंज तहसील कार्यालय पहुंचे और अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। इसी से पता चलता है कि किसानों को शिवराज की घोषणाओं पर भरोसा नहीं है।
वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने मुख्यमंत्री द्वारा किसानों की कर्जमाफी को लेकर सीधे की गई मनाही और उन्हें उनकी फसलों का उचित दाम दिलाने की गई घोषणा पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि जो मुख्यमंत्री पिछले 14 सालों से स्वयं को किसानपुत्र बताते हुए किसानों को लेकर एक घोषणा भी पूरी नहीं कर पाए, वे अब उन्हें कैसा और कौन सा उचित दाम दिला पाएंगे? मुख्यमंत्री को अपनी ये घोषणाएं पूरी करने के लिए तारीख भी घोषित करनी चाहिए।