Home हिमाचल प्रदेश वर्ष 2018-19 के लिये राज्य योजना का आकार 6300 करोड़ प्रस्तावित…

वर्ष 2018-19 के लिये राज्य योजना का आकार 6300 करोड़ प्रस्तावित…

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600 करोड़ की वृद्धि
वित्त वर्ष 2018-19 के लिये राज्य योजना का आकार 6300 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 10.51 प्रतिशत फीसदी की बढ़ौतरी के साथ 600 करोड़ रुपये अधिक है। मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर ने आज यहां पूर्वाहन सत्र में सोलन, सिरमौर तथा शिमला के विधायकों के साथ विधायक प्राथमिकताओं के लिये आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने ग्रामीण अधोसंरचना विकास निधि के माध्यम से नाबार्ड के अन्तर्गत विधायक प्राथमिकताओं के कार्यों के कार्यान्वयन के लिए धनराशि की सीमा में वृद्धि की भी घोषणा की। विधायक अब लोक निर्माण तथा सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभागों से सम्बन्धित अपने चुनाव क्षेत्र की 90 करोड़ रुपये तक की विभिन्न विकास योजनाओं को नाबार्ड को प्रेषित कर सकते हैं। इससे पूर्व यह सीमा 80 करोड़ रुपये की थी।
मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में बिलासपुर जिले के कोठीपुरा में प्रस्तावित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के लिए 1351 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत करने के लिए केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने लगभग 450 करोड़ रुपये की लागत से ऊना में पीजीआई उपग्रह केन्द्र के लिए भी केन्द्र सरकार का आभार जताया। ऊना में 300 बिस्तरों का यह पीजीआई उपग्रह केन्द्र हिमाचल प्रदेश के मरीजों को उनके घरद्वार के समीप चिकित्सा सुविधा प्रदान करने में मददगार साबित होगा और गुणात्त्मक चिकित्सा सुविधाएं प्रदान कर प्रदेश से पीजीआई के लिये मरीजों की भीड़ को कम करेगा।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय द्वारा स्वीकृत 69 राष्ट्रीय राजमार्गों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए परामर्शी सेवाएं लेने की प्रक्रिया इस वर्ष 31 मार्च तक पूरी कर ली जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस सम्बन्ध में उचित निर्देश भी जारी किए। उन्होंने समस्त विभागों को केन्द्रीय प्रायोजित योजनाओं का कार्यान्वयन सुनिश्चित बनाने के लिए उपयुक्त कदम उठाने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार विकास कार्यों, विशेषकर सड़क परियोजनाओं  के लिए वन संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत दी जाने वाली स्वीकृति की शक्तियों को मौजूदा एक हैक्टेयर से पांच हैक्टेयर तक बढ़ाने के लिए मामला केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से उठाएगी क्योंकि अधिकांश सड़क परियोजनाएं वन संरक्षण अधिनियम की जटिलताओं के कारण लटकी रहती हैं।
मुख्यमंत्री ने राज्य में हवाई कनेक्टिविटी तथा सड़क नेटवर्क को बढ़ावा देने पर बल दिया और प्रधानमंत्री द्वारा क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना चरण-1 व चरण-2 ‘उड़े देश का आम नागरिक उड़ान’ का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस योजना से पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, समुद्री विमानों के परिचालन का मुद्दा भी केन्द्र सरकार से उठाया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के लोगों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है और ‘सबका साथ, सबका विकास’ पर विश्वास करती है। उन्होंने कहा कि सरकार स्थाई विकास लक्ष्यों की रूपरेखा और वर्ष 2022 तक विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में कार्य कर रही है।
श्री जय राम ठाकुर ने कहा कि सरकार अनुत्पादक व्यय को कम करने के उपायों के लिये आवश्यक कदम उठाने का प्रयास करेगी और राज्य की आर्थिक दशा को सुधारने की कोशिश करेगी। उन्होंने शिक्षा में गुणात्त्मक सुधार तथा रोज़गार व स्वरोज़गार के और अधिक अवसर सृजित करने के उपायों पर भी बल दिया। उन्होंने जैविक प्राकृतिक खेती की आवश्यकता पर बल दिया ताकि किसानों व बागवानों को योजनाओं से लाभान्वित किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार राज्य के लोगों को स्वच्छ, प्रभावी, पारदर्शी और उत्तरदायी शासन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है तथा सूचना प्रौद्योगिकी व ई-गवर्नेस को अतिरिक्त प्राथमिकता प्रदान करेगी ताकि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन’ को साकार बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को विधायक प्राथमिकताओं के कार्यों को पूरा करने तथा इनमें से अधिकतर कार्यों को केन्द्रीय प्रायोजित योजनाओं के तहत स्वीकृत करवाने तथा विधायकों के सुझावों को आमंत्रित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर ने आज यहां पूर्वाहन सत्र में सोलन, सिरमौर तथा शिमला जिलों के विधायकों के लिये आयोजित विधायक प्राथमिकता बैठक की अध्यक्षता की।
जिला सोलन
नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक लखविन्दर सिंह राणा ने यात्रियों की सुविधा के लिए नालागढ़-स्वारघाट सड़क की मुरम्मत व सुधार पर बल दिया और समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नालागढ़ के स्तरोन्यन तथा नालागढ़ के चंगर क्षेत्र में नये स्वास्थ्य संस्थानों के लिए आग्रह किया। उन्होंने पंजेहड़ा तथा जोघों में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने की भी मांग की।
उन्होंने पेयजलापूर्ति योजनाओं के सुधार तथा बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ विकास प्राधिकरण क्षेत्र के लोगों को और अधिक सुविधाएं प्रदान करने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि बीबीएनडीए क्षेत्र के अस्पताल में स्टाफ की कमी है। उन्होंने कानून एवं व्यवस्था में सुधार के लिए बद्दी में एक पुलिस बटालियन की मांग की, क्योंकि इस औद्योगिक क्षेत्र में शायद ही कोई दिन ऐसा हो, जब चोरी, डकैती अथवा हत्या न होती हो। उन्होंने रामशहर में राजकीय डिग्री महाविद्यालय के भवन के निर्माण के लिए धनराशि की भी मांग की।
विधायक ने विधायक विकास निधि को मौजूदा 1.10 करोड़ से बढ़ाकर 1.50 करोड़ रुपये तथा ऐच्छिक निधि को पांच लाख से बढ़ा कर 10 लाख रुपये करने का भी आग्रह किया।
दून विधानसभा क्षेत्र के विधायक परमजीत सिंह पम्मी ने बद्दी में एसडीएम कार्यालय खोलने, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बद्दी को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में स्तरोन्नत करने, बद्दी में खण्ड विकास कार्यालय खोलने तथा निर्वाचन सभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों के रूट व आवाजाही बढ़ाने का आग्रह किया।
सोलन निर्वाचन सभा क्षेत्र के विधायक कर्नल धनी राम शाण्डिल ने सोलन में सैनिक विश्राम गृह की मांग की और परिधी गृह सोलन के लिए 7 करोड़ रुपये की शेष राशि स्वीकृत करने की वकालत की, क्योंकि अभी तक मंत्रिमण्डल ने परिधी गृह के निर्माण के लिए स्वीकृति नहीं दी है और अभी तक 1 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि मामला चर्चा के लिए मंत्रिमण्डल के समक्ष रखा जाएगा।
कर्नल शाण्डिल ने सोलन में पार्किंग का निर्माण कार्य पूरा करने का आग्रह किया और सीवरेज पानी की रीसाइक्लिंग पर बल दिया ताकि इसे सिंचाई के परियोजन के लिए उपलब्ध करवाया जा सके, क्योंकि ग्लोबल वार्मिंग का खतरा निरंतर बढ़ रहा है और आने वाले समय में पानी की कमी होगी।
जिला सिरमौर
पच्छाद के विधायक सुरेश कश्यप ने कहा कि कुछ जलापूर्ति योजनाएं खण्ड विकास के माध्यम से पायलट परियोजना के अन्तर्गत निर्मित की जा रही थी और इसी दौरान इन परियोजनाओं के लिए धनराशि की कमी हो गई है। उन्होंने आग्रह किया है कि अधर में अटकी इन परियोजनाओं का सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा अधिग्रहण किया जा सकता है। उन्होंने सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग में सुचारू कार्य संचालन के लिए पम्प ऑप्रेटरों के खाली पदों को भरने की वकालत की। उन्होंने राजकीय डिग्री महाविद्यालय सराहां  में विज्ञान खण्ड के निर्माण का आग्रह किया।
सुरेश कश्यप ने सिविल अस्पताल सराहां तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र राजगढ़ सहित अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सकों तथा पैरामैडिकल स्टाफ के रिक्त पदों को भरने का आग्रह किया। उन्होंने इन संस्थानों में सफाई सुनिश्चित बनाने के लिए ऑउटसोर्स आधार पर चतुर्थ श्रेणी की सेवाओं के अलावा सुरक्षा सेवाएं प्रदान करने का भी आग्रह किया।
विधायक ने अपने विधानसभा क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन सर्किट के विकास की सम्भावना का पता लगाने तथा पच्छाद में अग्निशमन स्टेशन खोलन का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने विश्राम गृह बागथन की मुरम्मत को लेकर विधायक की मांग विश्राम गृह की स्थिति से सम्बन्धित विवरण मांगा और आश्वासन दिया कि यदि आवश्यकता हुई तो विश्राम गृह में अतिरिक्त आवास उपलब्ध करवाया जाएगा।
श्री रेणुकाजी के विधायक विनय कुमार ने भी धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सोलन से मीनस तक सड़क की हालत में सुधार करने के अलावा उनके विधानसभा क्षेत्र में मन्दिरों के लिए सड़कों के सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि नौराधार से चूड़धार सड़क की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट शीघ्र तैयार की जानी चाहिए। बुनियादी तौर पर नौराधार से चूड़धार तक सात किलोमीटर सड़क का कार्य प्रामिकता के आधार पर किया जाना चाहिए और चूड़धार तक 12 किलोमीटर पैदल रास्ते को पक्का करने के साथ-साथ वर्षा शालिकाओं का निर्माण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि रेणुका चिड़ियाघर में बाघ का जोड़ा प्रदान करने के प्र्रस्ताव पर केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजैडए) द्वारा कार्रवाही करने को कहा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक समय था, जब बाघ इस जंगली जीवन अभयारण के आकर्षण थे, लेकिन आज इस चिड़ियाघर में एक भी शेर अथवा बाघ नहीं है। उन्होंने कहा कि मामला सीजैडए से उठाया गया है। उन्होंने रेणुका मन्दिर के आस-पास के क्षेत्र को अभयारण क्षेत्र से बाहर करने की वकालत की, ताकि इसका विकास व सौन्दर्यीकरण किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने उनकी मांग पर भराड़ी स्वास्थ्य उप-केन्द्र की स्थिति की जांच करने को कहा।
पांवटा के विधायक सुखराम चौधरी ने कुछ सिंचाई योजनाओं क्रमशः अजौली नालियावाला, अप्पर कांसीपुर तथा लोअर कांसीपुर योजनाओं के अलावा पिछले 10 से 16 वर्षों से अधर में लटकी अन्य योजनाओं का निर्माण कार्य पूरा करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पूर्व में योजना की लागत 1.72 करोड़ रुपये थी, जो अब 20 प्रतिशत शेष बचे कार्य के साथ कई गुणा बढ़ गई है। मुख्यमंत्री ने विभाग को निर्देश दिए कि लम्बित सिंचाई योजनाओं को पूरा करने के लिए क्या धनराशि कमांड क्षेत्र विकास के अन्तर्गत प्रयोग की जा सकती है। उन्होंने उनके विधानसभा क्षेत्र में मौजूदा जलापूर्ति योजनाओं की वार्षिक मुरम्मत की भी मांग की और कहा कि लगभग 70 किलोमीटर की पांच नहरों की मुरम्मत के लिए वार्षिक निधि प्रदान की जानी चाहिए, क्योंकि इनकी हालत काफी खराब है।
विधायक ने उत्तराखण्ड की तर्ज पर यमुना तथा बाता नदियां के किनारों से खनिजों को निकालने के लिए इन्हें पट्टे पर देने का सुझाव दिया, जो राज्य के खज़ाने के लिए राजस्व अर्जित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हर वर्ष बाड़ से खनिजों की पूर्ति हो सकती है और यदि नदी के किनारों को पट्टे पर दिए जाने से कोई नुक्सान नहीं होगा। उन्होंने पांवटा-खोदरी-माज़री ग्रामीण सड़क को मुख्य जिला सड़क में परिवर्तित करने तथा यमुना नदी पर पुल बनाने का आग्रह किया, जो सीमावर्ती क्षेत्र को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
शिलाई के विधायक हर्षवर्धन चौहान ने शिलाई जलापूर्ति योजनाओं के सुधार का आग्रह किया, क्योंकि यह क्षेत्र जलापूर्ति के मामले में बुरी तरह से प्रभावित है। उन्होंने कहा कि 16500 की आबादी के शिलाई को नगर में बदला गया है। इसे अधिसूचित क्षेत्र समिति (एनएसी) में स्तरोन्नत करने की आवश्यकता है, ताकि योजनाबद्ध विकास हो सके। उन्होंने कहा कि गत कई वर्षों से लम्बित लगभग 10 से 12 उठाऊ जलापूर्ति योजनाओं का निर्माण शीघ्र पूरा करने की आवश्यकता है। राज्य में चूना पत्थर की कम कीमत तथा इसके ऊपर कर कम करने से सम्बन्धित आग्रह पर मुख्यमंत्री ने कहा क सरकार इस मामले पर गौर करेगी और राज्य में बाहर से सस्ते दामों पर बेचे जा रहे चूना पत्थर आवश्यक कार्रवाही करेगी। उन्होंने कहा कि कर संरचना, विशेषकर परिवहन पर अतिरिक्त माल कर को तर्क संगत बनाने की आवश्यकता है।
विधायक ने उत्तराखण्ड राज्य की तर्ज पर चूना पत्थर खदानों के लिए एकल खिड़की के अन्तर्गत 15 दिनों के भीतर स्वीकृतियां प्राप्त करने की वकालत की। उन्होंने दुर्गम क्षेत्रों से रिलिवर के आने तक कर्मचारियों को भार मुक्त न करने का भी आग्रह किया।
जिला शिमला
चौपाल के विधायक बलबीर वर्मा ने चौपाल तथा नेरवा में स्वास्थ्य संस्थानों की दयनीय स्थिति तथा श्रम शक्ति व मशीनरी की कमी को उजागर किया। उन्होंने कहा कि नेरवा तथा चौपाल अस्पतालों में अल्ट्रासाउड मशीन नहीं है। उन्होंने कहा कि नोहरा-धोरा, गुम्मा, बासाधार, पुलवाहल में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के कोई भवन नहीं है और यह सभी केन्द्र निजी भवनों में चलाए जा रहे है। इसके अलावा चौपाल के स्वास्थ्य संस्थानों में कोई भी स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं है।
उन्होंने विभिन्न सड़कों विशेषकर टेलर किरण सड़क तथा गत कई वर्षों से लम्बित प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना तथा नाबार्ड के अन्तर्गत सड़कों की वन स्वीकृतियों के लिए आग्रह किया। उन्होंने पिछले 10 वर्षों से अधर में लटकी लगभग 10 किलोमीटर लम्बी झिकनीपुल-मड़ावग सड़क का निर्माण पूरा करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने इस पर संज्ञान लेते हुए कहा कि ठेकेदार को दण्डित किया जाना चाहिए और उसके विरूद्ध कड़ी कार्रवाही की जाए।
उन्होंने 66 केवी विद्युत उप केन्द्र जो क्षेत्र की 12 पंचायतों को लाभान्वित करेगा का कार्य आरम्भ करने के अलावा 32 केवी उप-केन्द्र कुपवी तथा 22 केवी उप-केन्द्र नेरवा का निर्माण/निविदा शीघ्र आमंत्रित करने के लिए आग्रह किया। उन्होंने कहा कि धनराशि उपलब्ध होने तथा विभाग द्वारा पाईपे व उपकरण खरीदने के बावजूद 16 उठाऊ जलापूर्ति योजनाओं का कार्य पिछले कई वर्षों से लम्बित है और विभाग ने स्त्रोत तथा मुख्य लाईन पर कोई कार्य नहीं किया है। मुख्यमंत्री ने कहा क इस पर गौर किया जाना चाहिए।
उन्होंने कुपवी में डिग्री कॉलेज खोलने की भी मांग की।
ठियोग विधानसभा क्षेत्र के विधायक राकेश सिंघा ने सामाजिक-आर्थिक पहलू को ध्यान में रखते हुए सूक्ष्म स्तर पर योजना निर्माण पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जब तक किसानों की आर्थिकी को मजबूत नही किया जाता, राज्य उन्नत नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि बागवानी एवं कृषि की लोगों की आर्थिकी को मजबूत बनाने में बड़ी भूमिका है और ठियोग विधानसभा क्षेत्र मौसमी तथा बे-मौसमी सब्जियों के लिए जाना जाता है।
उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी के अन्तर्गत यह पाया गया है कि सेब का आयात शुल्कमुक्त किया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मामले केन्द्र सरकार से उठाने अथवा हिमाचली सेब को विशेष श्रेणी में शामिल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अन्य देशों से आयात किए जाने वाले सेब सहित फल लम्बे समय तक रहते हैं और हमें औपनिवेशिक प्रथाओं को अपनाने के बजाए नवीनतम रूट स्टॉक पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने किसानों को लाभान्वित करने के लिए और अधिक शीत भण्डारण स्थापित करने की वकालत की, क्योंकि निजी कम्पनियां मौजूदा मण्डी मूल्यों पर उत्पादों की खरीद करती है और इनका नियंत्रित वातानुकूलित भण्डारणों में भण्डारण करती है तथा कीमतें बढ़ने पर इन्हें बेचती है। उन्होंने कहा कि हमें पारम्परिक उठाऊ जलापूर्ति योजनाओं जैक-वैल प्रणाली को अपनाना चाहिए। उन्होंने लगभग एक लाख लीटर की क्षमता के क्षेत्रीय जल टैंकों के निर्माण के लिए आग्रह किया।
उन्होंने ठियोग में बस अड्डे के निर्माण का भी आग्रह किया।
कसुम्पटी निर्वाचन सभा क्षेत्र के विधायक अनिरूद्ध सिंह ने लक्कड़ बाजार बस अड्डा को ढली स्थानांतरित करने तथा ढली बस अड्डा के विस्तार की मांग की। उन्होंने कसुम्पटी बाजार के लिए हाई मास्ट लाईट की मांग की और इसे परिमहल में लगाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे शीघ्र स्थानांतरित करने की मांग की। उन्होंने नवबहार-शनान सड़क के निर्माण तथा गडै़ची के लिए शीघ्र स्वीकृति का आग्रह किया। उन्होंने लखोटी में गिरी खड्ड पर पुल के निर्माण का आग्रह किया जा कसुम्पटी और सिरमौर जिले के पच्छाद क्षेत्र को जोड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस पुल की आधारशीला पूर्व मुख्यमंत्री श्री प्रेम कुमार धूमल ने रखी थी। उन्होंने रावमापा क्यार कोटी के अतिरिक्त धनराशि की मांग की। उन्होंने आईपीएच योजना धमेची तथा आईपीएच स्टोर कम्याणा के लिए डीपीआर तैयार करने का आग्रह किया। इसके अलावा उन्होंने 66 केवी उप केन्द्र कम्याणा का निर्माण पूरा करने, मैहली से गुसाण सड़क को पक्का करने तथा फागू मोड़ के समीप विपणन यार्ड के लिए आग्रह किया।
शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने ललित कला महाविद्यालय के लिए अतिरिक्त धनराशि का आग्रह किया और कहा कि बसन्तपुर में बहुउद्देशीय महाविद्यालय के निर्माण पर निर्णय लिया जाना चाहिए। उन्होंने शिमला ग्रामीण में घरोग-घण्डल जलापूर्ति योजना में 3 से 4 नगर पालिका वार्डों को शामिल करने का आग्रह किया, जो अभी इस योजना से लाभान्वित नहीं हो रहे हैं।
उन्होंने कड़ैची-तबोग सड़क के निर्माण का आग्रह करते हुए कहा कि हालांकि एसजेवीएनएल द्वारा लिए गए स्टे को उच्च न्यायालय ने हटा दिया है, फिर भी एसजेवीएनएल के अधिकारी निर्माण को हटा नहीं रहे हैं और न ही कब्जा दे रहे है। उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कोहभाग का निविदा कार्य पूरा करने का आग्रह किया, जो लम्बे समय से अधर में है। उन्होंने कोल डैम जलाश्य को जलक्रीड़ाओं के लिए प्रयोग में लाने तथा समुद्री जहाजों की अवधारणा को लागू करने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने प्रसिद्ध हिल टॉप शाली मन्दिर तक पैदल रास्ते की मुरम्मत के लिए अतिरिक्त धनराशि का भी आग्रह किया।
रामुपर के विधायक नन्द लाल ने रामपुर बस अड्डा के विपरित सतलुज नदी पर पुल के निर्माण का आग्रह किया, जिसका वितपोषण सतलुल जल विद्युत निगम के माध्यम से लाडा के तहत किया जाएगा। उन्होंने रामपुर में जल्द से जल्द ट्रामा सेंटर की स्थापना करने के अलावा इंजीनियरिंग कॉलेज कोटला तथा राजकीय डिग्री कॉलेज ज्यूरी के लिए अतिरिक्त धनराशि का भी आग्रह किया। उन्होंने ननखड़ी के समीप एचपीएमसी के शीत भण्डारण के निर्माण की वकालत की।
रोहडू निर्वाचन सभा के विधायक मोहन लाल ब्राक्टा ने रोहडू से दिल्ली के लिए वॉल्वो बस सेवा तथा कोटखाई-हाटकोटी सड़क का निर्माण पूरा होने तक इसे कोटखाई तक चलाने का आग्रह किया। उन्होंने डोडरा क्वार से क्वार घाटी के अन्तिम गांव पंडार के लिए सड़क का सर्वेक्षण करने तथा गोसांगो-जसकून-जाखा सड़क निर्माण में तेजी लाने के लिए आग्रह किया। उन्हांन रोहडू तथा चिड़गांव में पार्किंग निर्माण और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र संदासू के स्तरोन्यन के अलावा चिड़गांव बाईपास तथा समाला में सब्जी मण्डी के निर्माण की भी मांग की।
जुब्बल-कोटखाई के विधायक नरेन्द्र बरागटा ने राज्य के युवाओं को लाभान्वित करने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी कॉलेज प्रगति नगर में इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग ट्रेड आरम्भ करने का आग्रह किया। उन्होंने विधानसभा क्षेत्र में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती तथा रिक्त पदों को भरने और बस अड्डा कोटखाई का निर्माण कार्य शुरू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों की सुविधा के लिए एसडीएम को प्रत्येक माह में एक सप्ताह जुब्बल और कोटखाई में बैठने को कहा जाना चाहिए। उन्होंने नाबार्ड के अन्तर्गत सड़क परियोजनाओं का कार्य शीघ्र पूरा करने के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग की।
बरागटा ने पराला सब्जी मण्डी के विस्तार तथा और अधिक सुविधाएं प्रदान करने की मांग करते हुए कहा कि यह मण्डी राज्य के छः जिलों के लिए केन्द्र स्थान है। उन्होंने सेब को एक विशेष उत्पाद घोषित करने के लिए गम्भीर प्रयास करने की मांग की। उन्होंने बागवानों को लाभान्वित करने के लिए एंटी हेल गन परियोजना का कार्य पुनः आरम्भ करने का कहा।
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, कृषि मंत्री रामलाल मारकण्डा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री राजीव सैजल ने प्रथम सत्र की बैठक में अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।
मुख्य सचिव विनीत चौधरी, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त डॉ. श्रीकान्त बालदी सहित राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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