टेस्ट सीरीज में 2-1 से हारने के बाद टीम इंडिया साउथ अफ्रीका से वनडे सीरीज जीत चुकी है. अब टीम इंडिया का फोकस साउथ अफ्रीका को 5-1 से हराने पर होगा. एक तरफ जहां टीम इंडिया टेस्ट सीरीज में संघर्ष करती नजर आ रही थी. लेकिन, धोनी के साउथ अफ्रीका आते ही टीम इंडिया जीतती चली गई और टीम बिलकुल नई नजर आई. वनडे सीरीज में विराट कोहली एंड कंपनी ने शानदार परफॉर्म किया और 26 साल बाद टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका में वनडे सीरीज जीती. टीम इंडिया जब साउथ अफ्रीका पहुंची तो लग रहा था शानदार परफॉर्म करेगी. लेकिन टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया कुछ खास परफॉर्म नहीं कर पाई. टीम इंडिया पहला और दूसरा टेस्ट हार गई. पहला टेस्ट भारत 72 रन से हारा तो दूसरा टेस्ट 135 रन से हार गया. तीसरे टेस्ट के बाद साउथ अफ्रीका के साथ 6 वनडों की सीरीज होनी थी. धोनी वनडे सीरीज खेलने के लिए जैसे ही साउथ अफ्रीका पहुंचे तो टीम इंडिया जीतती चली गई और धोनी विराट कोहली और टीम इंडिया के लिए ‘लकी चार्म’ साबित हुए. आइए जानते हैं कैसे…
टेस्ट सीरीज शुरू होते ही टीम इंडिया पहला टेस्ट हार गई. जिसमें कोहली ने पहली ईनिंग में 5 और दूसरी ईनिंग में 28 रन बनाए थे. जिसके बाद दूसरे टेस्ट में कोहली के 153 रन भी टीम इंडिया के काम नहीं आए और वो 135 रन से हार गई. आखिरी टेस्ट के बाद वनडे सीरीज शुरू होने वाली थी और टीम इंडिया को आखिरी टेस्ट जीतकर क्लीन स्वीप होने से बचना था. लो स्कोरिंग गेम में टीम इंडिया ने शानदार परफॉर्म किया और मैच को 63 रन से जीत लिया. खास बात ये थी कि जब टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका को टूर में पहली बार हराया तो धोनी साउथ अफ्रीका पहुंच चुके थे.
टीम इंडिया को नंबर वन पर आने के लिए साउथ अफ्रीका को सीरीज हराना था. धोनी टीम में शामिल हो चुके थे और टीम इंडिया की वनडे टीम पूरी तरह तैयार हो चुकी थी. टीम इंडिया ने पहला वनडे 6 विकेट, दूसरा वनडे 9 विकेट और तीसरा वनडे 124 रन जीत लिया. अब टीम इंडिया के सामने सीरीज हार का खतरा खत्म हो चुका था. विराट कोहली 6 मैचों की वनडे सीरीज में 3 मैच जीत चुके थे. चौथे वनडे में टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 289 रन बनाए. लेकिन बारिश के कारण डकवर्थ लुईस नियम लगाना पड़ा और साउथ अफ्रीका ने मैच जीत लिया. पांचवें वनडे में टीम इंडिया ने शानदार वापसी की और साउथ अफ्रीका को 73 रनों से हरा दिया.
पहले दो टेस्ट की बात करें तो कोहली के 153 रनों की पारी के अलावा कोई ऐसी पारी नहीं थी जिसमें उन्होंने बल्लेबाजी का जौहर दिया हो. पहले टेस्ट में उन्होंने 5 और 28 रन बनाए. दूसरे टेस्ट में 153 और 5 रन बनाए. तीसरे टेस्ट में दोनों ही टीमों को पिच ने काफी परेशान किया. वहां रन बनाना काफी मुश्किल था. वहां की पिच में कोहली ने 54 और 41 रन की पारी खेलकर टीम इंडिया को जीत दिलाई. 5 वनडे में भी दो सेंचुरी और एक हाफ सेंचुरी लगाई. ऐसा लग रहा था कि धोनी के आते ही टीम इंडिया कॉन्फिडेंट लगी और जीत हासिल करती गई.