पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने यहां की अपनी एक ब्रांच में 11,330 करोड़ रुपए ( 1.8 अरब डॉलर) का फ्रॉड पकड़ा है। इस मामले में बैंक ने 10 इम्प्लॉइज को सस्पेंड कर दिया है। आरोप है कि ये लोग कुछ चुनिंदा अकाउंट होल्डर को फायदा पहुंचा रहे थे। इस खबर के सामने आने के बाद बीएसई पर PNB के स्टॉक्स में 10% तक की गिरावट दर्ज की गई। उधर, बैंकिंग सेक्रेटरी राजीव कुमार का कहना है कि सरकार इस मामले पर नजर बनाए हुए है। जरूरत पड़ने पर फॉरेंसिक ऑडिट के आदेश दिए जा सकते हैं। पंजाब नेशनल बैंक ने बुधवार को स्टॉक एक्सचेंज बीएसई को बताया कि यह ट्रांजैक्शंस कुछ चुनिंदा अकाउंट होल्डर्स को फायदा पहुंचाने के लिए हुए थे।
इन ट्रांजैक्शन के आधार पर दूसरे बैंकों ने इन कस्टमर्स को विदेश में एडवांस पैसे ट्रांसफर किए। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, बैंक ने इस मामले से जुड़े 10 इम्प्लॉईज को सस्पेंड कर दिया है। उधर, बैंकिंग सेक्रेटरी राजीव कुमार ने कहा कि सरकार इस मामले पर नजर रखे हुए है। यदि जरूरत पड़ी तो फॉरेंसिक ऑडिट के आदेश दिए जा सकते हैं। यह मामला 2011 से जुड़ा है। वहीं, फाइनेंशियल सर्विसेज के सेक्रेटरी लोक रंजन का कहना है, मैं नहीं मानता कि यह मामला कंट्रोल के बाहर है और इस पर इतना चिंतित होने की जरूरत है।
न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी कि सीबीआई को पीएनबी की तरफ से हीरा कारोबारी नीरव मोदी और एक ज्वैलरी कंपनी के खिलाफ दो शिकायतें मिली हैं। ये शिकायत 10 हजार करोड़ रुपए के ‘शैडो ट्रांजैक्शन’ को लेकर थींं।हालांकि, पीएनबी ने बुधवार को बीएसई को फाइलिंग में नीरव मोदी के नाम का जिक्र नहीं किया है। बता दें, पिछले हफ्ते सीबीआई ने पीएनबी की ओर से नीरव मोदी, उनकी पत्नी और एक बिजनेस के खिलाफ 280 करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी की शिकायत पर मामला दर्ज किया था। धोखाधड़ी का यह मामला 2017 का है। दरअसल, पीएनबी ने जूलर और कुछ अन्य पर 4.4 करोड़ डॉलर के फर्जीवाड़े की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
बैंक ने इस धोखाधड़ी में शामिल लोगों के नाम का खुलासा नहीं किया है। लेकिन, उसने बताया कि इस डील की जानकारी एन्फोर्समेंट एजेंसियों को दी जा चुकी है। बैंक ने बताया कि वह बाद में इस बात का आकलन करेगा कि क्या इन ट्रांजैक्शन से उसकी कोई देनदारी बनती है? पहले से ही एनपीए की समस्या से जूझ रहे सरकारी बैंकों के लिए इस तरह के फ्रॉड के मामले नई मुसीबत बन सकते हैं। सिर्फ दिसंबर तिमाही में बैंकों का एनपीए 34.5 फीसदी बढ़ गया है।
रेटिंग एजेंसी इकरा की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एसेट क्वालिटी को लेकर बैंकों की समस्या अभी हल होती नहीं दिख रही है। रिपोर्ट में कुल 30 बड़े बैंकों के तिमाही नतीजों को आधार बनाया गया। इसमें 17 प्राइवेट बैंक और 13 सरकारी बैंक के नतीजे शामिल हैं। इनका कंबाइंड ग्रॉस एनपीए एक साल पहले की तिमाही की तुलना में 8.34 फीसदी से बढ़कर 9.45 फीसदी तक पहुंच गया है। वहीं, इस दौरान प्राइवेट बैंक का एनपीए रेश्यो 4.1 फीसदी पर मेनटेन है, जबकि सरकारी बैंकों का एनपीए रेश्यो 12.4 फीसदी रहा है।