खरगोन के ग्राम बालसमुद्र के सुरेश पाटीदार ने मछली-पालन के क्षेत्र में जिले का नाम प्रदेश-स्तर तक चमकाया है। सुरेश को राज्य शासन द्वारा मछली-पालन के लिये स्थापित राज्य-स्तरीय सर्वश्रेष्ठ किसान पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय हो गया है।
वाणिज्य संकाय में स्नातक सुरेश ताराचंद पाटीदार को मछली-पालन के लिये मत्स्य विभाग द्वारा वर्ष 2009-10 में राष्ट्रीय विकास योजनांतर्गत ग्राम बालसमुद्र की जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से 10 लाख रुपये का ऋण दिलवाया गया। मत्स्य विभाग ने भी इन्हें 5 लाख रुपये का अनुदान दिया। ऋण और अनुदान प्राप्त कर सुरेश ने अपनी कमजोर भूमि के एक हेक्टेयर क्षेत्र में मछलियों के संवर्धन के लिये 10 पक्की नर्सरियाँ विकसित कीं। मत्स्य बीज उत्पादन केन्द्र को और आगे बढ़ाया। आज सुरेश के पास 10 एकड़ क्षेत्र में 65 पक्की और 10 कच्ची नर्सरियाँ स्थापित हैं। इन कच्ची-पक्की नर्सरियों के सहारे कतला, कॉमनकार, रेव, नरेन और घासकार किस्म की मछलियों का पालन करते हैं।
सुरेश 20 करोड़ स्पॉन बीज तथा 5 करोड़ स्टेंडर्ड फ्रॉय बीज बेचकर लगातार अच्छा मुनाफा ले रहे हैं। चार-पाँच महीने के मौसम में सुरेश मछलियों के बीज उत्पादित कर 20 से 25 लाख रुपये की आय प्राप्त कर लेते हैं। इनके द्वारा मछली उत्पादन में किये नवाचारों को राज्य शासन ने सराहा है। राज्य स्तरीय पुरस्कार में इन्हें 50 हजार रुपये प्रोत्साहन स्वरूप दिये जाएंगे।