सरकार नई ऑटो नीति लागु करने वाली है मगर खबर है कि सरकारी मंत्रियों के पास ज्यादातर गाड़ियां डीजल की हैं, जांच के आधार पर ऐसा आरोप लगाया जा रहा है कि सरकार एंटी-डीजल एजेंडा को लेकर स्पष्ट नहीं है, मोटरिंग मैगेजीन कार डीलर द्वारा सबमिट की गई सूचना अनुरोध की स्वतंत्रता के जवाब में सरकार ने एक प्रतिक्रिया के अनुसार 84 मंत्रियों के वाहनों में से 49 वाहन डीजल के पाए गए हैं, इसमें 17 जैगुआर XJ, 8 लैंडर रोवर डिस्कवरी, 6 फोर्ड गैलेक्सी और 2 जैगुआर एफ-पेस मॉडल्स मौजूद हैं.
वही सोसाइटी ऑफ मोटर मैन्युफैक्चरर्स एंड ट्रेडर्स (SMMT) के आंकड़े बताते हैं कि ब्रिटेन में नए डीजल वाहनों की मांग पिछले साल 17% तक गिर गई है। SMMT के चीफ एग्जिक्यूटिव माइक हव्स ने पिछले महीने कहा कि मोटर चालक डीजल कारों को खरीदने के बारे में झिझक रहे ते क्योंकि “एंटी-डीजल” मैसेज लोगों के दिमाग में था. कारो को रिप्लेस करने की खबर भी है.
शायद सरकार के बेड़े को खरीदने वालों को पता है कि हम सभी क्या करते हैं, इसलिए डीजल कई खरीदारों के लिए सही विकल्प माना जाता है, इससे ऑटो इंडस्ट्री को काफी नुकसान होगा. क्योंकि इंडस्ट्री कार खरीदार के मन की बजाए मंत्रियों के दिमाग में सबसे आगे रहना पसंद करती है, दुनियाभर में डीजल वाहनों की मांग गिर रही है और सरकार इसमें कितनी भूमिका निभाएगी वह तो आगे पता चल ही जाएगा.