गौरतलब है कि कोलारस-मुंगावली की चुनावी जंग दोनों दलों के लिए नाक का सवाल बन गयी है। प्रदेश में 14 साल से काबिज सत्ताधारी दल बीजेपी कांग्रेस के खाते की इन सीटों को छीनकर जवाब देने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। यही वजह है कि पूरी सरकार और बीजेपी संगठन पिछले एक महीने से इन दोनों इलाकों में डेरा डाले हुए है।
वहीं कांग्रेस की तरफ से अकेले ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनावी कमान संभाल रहे हैं। हालांकि चुनाव के अंतिम चरण में कांग्रेस के दिग्गज नेता सिंधिया की मदद के लिए पहुंचे हैं। अरूण यादव, कमलनाथ, अजय सिंह भी चुनाव प्रचार में जुट गए हैं। लेकिन क्लाइमेक्स में हार्दिक की एंट्री की रणनीति से साफ हो गया है कि कांग्रेस बिना झंडे बैनर के हार्दिक को स्टार प्रचारक के तौर पर उपयोग करने वाली है।
गुजरात की तरह हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवानी की तिकड़ी इसी साल होने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भी सक्रिय नजर आने वाली है। पिछले दिनों अल्पेश ने भोपाल में पिछड़े वर्ग की समस्याएं उठाकर एक तरह से आगामी चुनाव में अपनी दस्तक दे चुके हैं, तो दूसरी तरफ हार्दिक ने पाटीदार समाज के कार्यक्रम में पहुंचकर अपना मंसूबा साफ कर दिया है क्योंकि जिस तरह से हार्दिक ने सीएम शिवराज और कैलाश विजयवर्गीय पर निशाना साधा, व्यापमं और मंदसौर कांड को प्रदेश का सबसे बड़ा मुद्दा बताया, उससे साफ है कि ये नेता मप्र की सियासत में भाजपा के खिलाफ ताल ठोंकते नजर आ सकते हैं।
हार्दिक की एंट्री, ‘बर्बाद किसानों’ का बनेंगे ‘मरहम..
हालांकि, हार्दिक का इन इलाकों में चुनाव प्रचार और जनसंपर्क जैसा कोई कार्यक्रम नहीं है। लेकिन ओला पीड़ित किसानों से मुलाकात कर हार्दिक दोनों क्षेत्रों के किसानों को संबोधित जरूर करेंगे। हार्दिक के अचानक तैयार किए गए इस कार्यक्रम ने सबको चौंका दिया है। खास बात ये है कि हार्दिक का ये कार्यक्रम कांग्रेस के बैनर तले नहीं होगा, पर इतना साफ है कि इससे मदद कांग्रेस को ही मिलेगी।
दरअसल, मध्यप्रदेश पाटीदार समाज संगठन ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति जारी कर 22 फरवरी को हार्दिक पटेल के मुंगावली और कोलारस जाने की जानकारी दी है। जिसमें कहा गया है कि पटेल नवनिर्माण सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष हार्दिक पटेल 22 फरवरी की सुबह अशोकनगर जिले के मुंगावली पहुंचेंगे और दोपहर में शिवपुरी के कोलारस का दौरा करेंगे। मुंगावली और कोलारस में हार्दिक ओला पीड़ित किसानों से मिलेंगे और उनकी समस्याओं को जानेंगे। इन दोनों स्थानों पर किसानों को भी संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में चुनाव प्रचार जैसी कोई जानकारी नहीं है, लेकिन वक्त का तकाजा और दौरे की वजह से साफ हो रहा है कि हार्दिक उपचुनाव के क्लाइमेक्स में युवाओं और किसानों के नाम पर तड़का लगाने पहुंच रहे हैं।