पंजाब नेशनल बैंक में 11,400 करोड़ रुपयों के महाघोटाले के केस में नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए दायर जनहित याचिका पर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है. केंद्र सरकार के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा है कि उन्हें इस जनहित याचिका पर गंभीर आपत्ति है और वह इसका विरोध करेंगे. उन्होंने याचिकाकर्ता के मकसद पर भी सवाल उठाए. अटॉर्नी जनरल के विरोध के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस सुनवाई को आगे के लिए टाल दिया. इस मामले की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट की बेंच के प्रमुख और चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि हम यहां कानूनी मामलों को स्पष्ट करने के लिए हैं, यहां भावनात्मक भाषणों का असर नहीं होगा.
इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि इस मामले से पूरा देश पीड़ित है और विजय माल्या के केस में भी कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को कम से कम केंद्र को एक नोटिस देना चाहिए. पीठ में शामिल दूसरे जज चंद्रचूड़ ने कहा कि पहले सरकार को इस मामले में जांच और कार्रवाई करने दी जाए. अब इस मामले में 16 मार्च को सुनवाई होगी. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह जनहित याचिका का दुरुपयोग है और महज पब्लिसिटी स्टंट है. अटॉर्नी जनरल ने कहा कि इस मामले की तेजी से जांच की जा रही है और कई गिरफ्तारियां भी हुई हैं.
बता दें कि एक जनहित याचिका में पीएनबी के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई और नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की मांग की गई है. यह जनहित याचिका वकील विनीत ढांडा ने दाखिल की है. उन्होंने अपील की है कि 10 करोड़ रुपये से ऊपर के बैंक लोन के लिए गाइडलाइन बनाई जाएं. इससे पहले, इस केस में सीबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक के जनरल मैनेजर रैंक के अधिकारी राजेश जिंदल को गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी मंगलवार रात को हुई. जिंदल अगस्त 2009 से मई 2011 के बीच मुंबई में पीएनबी की ब्रैडी हाउस शाखा में ब्रांच हेड के तौर पर कार्यरत थे. महाघोटाला करने वाले नीरव मोदी की भारत की तमाम जांच एजेंसियों को तलाश है. भारत में सीबीआई, ईडी से लेकर आयकर विभाग नीरव मोदी के ठिकानों पर लगातार छापे मार रहे हैं. दूसरी ओर नीरव पीएनबी से लेकर अपने कर्मचारियों को ई-मेल लिख रहे हैं, पर जांच एजेंसियों के हाथ नहीं लग रहे हैं.
नीरव मोदी ने अब अपने कर्मचारियों को ई-मेल लिखा है. उन्होंने अपने कर्मचारियों को सावधान किया है और उन्हें काम पर न आने के लिए कहा है. नीरव मोदी की फर्म से जुड़े कर्मचारियों को मंगलवार को एक ई-मेल मिला. इसमें कर्मचारियों से दफ्तर न आने को कहा गया है. साथ ही ये भी ताकीद की गई है कि वे किसी से कोई बात न करें. इसके साथ ही नीरव मोदी ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि वेतन को लेकर वे चिंतित न हों. उन्होंने लिखा है कि सभी को वेतन दिया जाएग, इसलिए किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है.नीरव मोदी की संपत्ति और ज्वैलरी भी जब्त की जा रही है. यही वजह है कि नीरव मोदी ने कर्मचारियों को ठिकानों पर न आने की ताकीद की है.
इससे पहले सोमवार को नीरव मोदी का पंजाब नेशनल बैंक को लिखा गया पत्र सामने आया था. ये पत्र 15-16 जनवरी को लिखा गया है जिसमें नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक को लोन का पैसा चुकाने से साफ इनकार कर दिया है. नीरव मोदी ने पीएनबी को लिखी इस चिट्ठी में कहा है कि उनके ऊपर बकाया रकम बढ़ाकर बताई गई है. चिट्ठी में ये भी लिखा गया है कि बकाया रकम 5000 करोड़ से कम है. उन्होंने साफ लिखा कि इस घटनाक्रम से उनकी कंपनी की साख गिरी है और उन्हें नुकसान पहुंचा है, इसलिए अब वो इसे चुकाने की स्थिति में नहीं हैं.