Home हिमाचल प्रदेश जेबीटी के 700 पद भरने को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला…

जेबीटी के 700 पद भरने को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला…

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हिमाचल हाईकोर्ट ने जेबीटी के 700 पदों की भर्ती को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने जेबीटी के 700 पदों की भर्ती पर रोक लगा दी है। शुक्रवार को न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए जेबीटी भर्ती को लेकर बीते दिनों प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के फैसले पर रोक लगा दी।

प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने जेबीटी भर्ती के लिए जुलाई 2017 में टेट मेरिट पर साक्षात्कार लिए थे। प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने भी पहले इस भर्ती पर रोक लगा दी थी, लेकिन बाद में रिव्यू याचिका पर भर्ती को हरी झंडी देते हुए विभाग पर प्रक्रिया का फैसला छोड़ दिया था। हाईकोर्ट ने अब इस पर फिर रोक लगा दी है। इस मामले की आगामी सुनवाई 28 मार्च को होगी। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने बीते साल स्वीकृत किए जेबीटी के 700 पदों को टेट मेरिट से भरने की प्रक्रिया शुरू की थी। शुक्रवार को इस संबंध में याचिकाकर्ता राकेश कुमार ने प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसमें मांग उठाई गई कि भर्तियां 50 फीसदी बैच वाइज और 50 फीसदी सीधे कमीशन के माध्यम से की जाएं।

इसमें तर्क दिया गया कि ट्रिब्यूनल पहले ही टेट मेरिट के आधार पर भर्तियों के निर्णय को निरस्त कर चुका है। ऐसे में शिक्षा विभाग की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। भर्ती प्रक्रिया पर रोक की याचिका स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने जेबीटी की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने का फैसला सुनाया। 30 अगस्त, 2017 को प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश पर जेबीटी भर्ती में टेट मेरिट को वरीयता देने वाले भर्ती एवं पदोन्नति नियमों को निरस्त कर दिया था। उसके बाद कुछ अभ्यर्थियों ने ट्रिब्यूनल में पुनर्विचार याचिका दायर की थी, लेकिन 11 जनवरी, 2018 को प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने स्पष्ट आदेश दिए थे कि 30 अगस्त, 2017 में जो आदेश थे, उन्हें संशोधित नहीं किया जा सकता और प्रारंभिक शिक्षा विभाग भर्ती करवाने के लिए स्वतंत्र है।

 
याचिकाकर्ता एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष जेबीटी बेरोजगार संघ राकेश कश्यप ने कहा है कि प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय द्वारा प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के टेट मेरिट वाले आरएंडपी को निरस्त करने के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू करना गलत है। इस संबंध में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।

 जेबीटी के 700 पदों पर भर्ती का मामला इन दिनों सरकार के पास है। राज्य प्रशासनिक ट्रिब्यूनल से हरी झंडी मिलते ही प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए सरकार से राय मांगी है। निदेशक प्रारंभिक शिक्षा की ओर से शिक्षा सचिव को भेजे गए पत्र में पूछा गया है कि 700 पदों पर भर्ती के लिए पुरानी और नई भर्ती प्रक्रिया में से किसे चुना जाए। बीते साल जुलाई में टेट मेरिट के आधार पर लिए साक्षात्कार का परिणाम घोषित करना है या नए नियमों के तहत 50 फीसदी पद टेट मेरिट और 50 फीसदी पद कमीशन से भरने हैं।

 

बीते साल जुलाई में प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने टेट मेरिट से जेबीटी के 700 पद भरने के लिए जिलावार शेड्यूल जारी किया था। जिलावार शेड्यूल के खिलाफ कुछ जेबीटी प्रशिक्षु प्रशासनिक ट्रिब्यूनल पहुंचे थे। ट्रिब्यूनल ने प्रशिक्षुओं के हक में फैसला सुनाते हुए शेड्यूल में बदलाव के आदेश दिए थे।

ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद निदेशालय ने सभी जिलों के लिए अलग-अलग शेड्यूल जारी करते हुए प्रशिक्षुओं को प्रदेश के किसी भी जिले में साक्षात्कार देने की अनुमति दे दी। इसी बीच कुछ अन्य जेबीटी प्रशिक्षु टेट मेरिट से भर्ती के खिलाफ ट्रिब्यूनल पहुंच गए। प्रशिक्षुओं ने बैच वाइज या कमीशन से भर्ती करने की मांग की थी।
ट्रिब्यूनल ने इन प्रार्थियों के भी पक्ष में फैसला सुनाते हुए पुरानी भर्तियों पर सवाल उठाए। इसी बीच प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय मामले को लेकर हाईकोर्ट चला गया। उधर, कुछ जेबीटी प्रशिक्षुओं ने ट्रिूब्यूनल में रिव्यू पिटीशन दायर कर दी। इस पर ट्रिब्यूनल ने कहा कि जो भर्तियां पहले हो गई हैं, वे ठीक हैं। भविष्य के लिए नए नियम बनाकर भर्तियां की जाएं।

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