प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा के लिये राज्य सरकार बेहतर प्रयास निरंतर कर रही है। इन्हीं प्रयासों में महिलाओं को नि:शुल्क ड्रायविंग लायसेंस उपलब्ध करवाये जा रहे हैं। इसमें अभी तक एक लाख 99 हजार 528 लर्निंग लायसेंस बनाये गये हैं। साथ ही एक लाख 38 हजार 286 ड्रायविंग लायसेंस जारी किये जा चुके हैं। केवल महिलाओं के लिये विशेष ‘पिंक लायसेंस शिविर” आयोजित किये जा रहे हैं। इसमें 12 हजार 579 लायसेंस जारी किये जा चुके हैं।
महिलाओं को सुरक्षा के लिये हेल्पलाइन नम्बर 1091 उपलब्ध करवाया गया है। हेल्पलाइन नम्बर को यात्री बसों पर भी अंकित करवाया गया है। साथ ही यात्री परिवहन में महिलाओं के लिये 11 से 16 सीट आरक्षित की गई हैं। नवजात शिशुओं को स्तनपान करवाने के लिये वाहन चालक के पीछे की सीट आरक्षित की गई है। इसमें तीन ओर से पर्दा लगाने के लिये भी परमिट शर्तों में निर्देश दिये गये हैं। स्कूल बसों में बालिकाओं की सुरक्षा की दृष्टि से महिला ड्रायवर अथवा शैक्षणिक संस्थान की एक महिला कर्मचारी या परिचालिका की उपस्थिति अनिवार्य की गई है। इस संबंध में निर्देश जारी किये गये हैं। साथ ही परमिट के लिये इस शर्त का उल्लेख किया गया है।
अन्य सुविधाओं में महिलाओं को सुरक्षित परिवहन सेवाएँ उपलब्ध करवाने के लिये बसों में जीपीएस/जीपीआरएस आधारित ट्रेकिंग सिस्टम और सी.सी. टी.व्ही. कैमरे लगाये जाने के विभागीय आदेश जारी किये जा चुके हैं। इस संबंध में मध्यप्रदेश मोटर-यान नियम में संशोधन की कार्यवाही भी प्रचलित है।