खंडाला भारत के महाराष्ट्र राज्य के पुणे ज़िले का ख़ूबसूरत हिल स्टेशन है, जो सहयाद्रि पर्वत में स्थित है। सहयाद्रि श्रेणी के पश्चिमी भाग में स्थित यह स्थान समुद्र की सतह से लगभग 625 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और भारत का एक प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है। भोर घाट के अंत में स्थित यह स्थान लोनावाला से लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर है, जो एक अन्य हिल स्टेशन है। यह कर्ज़त से सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जो पैदल यात्रा करने वालों के लिए ख़ास है।
इतिहास
खंडाला के उद्भव के बारे में कोई विश्वसनीय ऐतिहासिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं। यद्यपि यह एक जाना-माना तथ्य है कि ब्रिटिशों के अधिकार से पहले महान् मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी ने और पेशवाओं ने खंडाला पर काफ़ी लम्बे समय तक राज किया था। अन्य सभी पर्वतीय स्थानों की तरह ही खंडाला भी उपनिवेशीय युग का एक प्रमाण है। यहाँ के ऐतिहासिक स्थलों और स्मारकों में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत स्पष्ट रूप से देखने मिलती है।
पर्यटन स्थल
सहयाद्रि पर्वत शृंखला की पहाड़ियों और घाटियों में बसे इस स्थान पर पूरे साल भर आनंददायक मौसम रहता है। ख़ूबसूरत प्राकृतिक परिदृश्य से सुशोभित खंडाला अपनी घास की पहाड़ियों, उज्ज्वल घाटियों, सुंदर झीलों और सुखद जलप्रपातों के लुभावने दृश्यों के द्वारा यहाँ आने वाले पर्यटकों को प्रभावित करता है। पर्यटकों के आकर्षण के कुछ स्थानों के अंतर्गत अमृतांजन पॉइंट, ड्यूक्स नोज़, रेवुड पार्क और भुशी बाँध आते हैं। प्रचुर प्राकृतिक वैभव के अतिरिक्त यह पहाड़ी स्थान अपने गुफ़ा मंदिरों के लिए भी बहुत प्रसिद्ध, जो ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी में निर्मित हुए थे।
खंडाला पर्यटन के अंतर्गत अनेक स्थान आते हैं और यह भारत के उन दिलचस्प क्षेत्रों में से एक है, जहाँ भव्य प्राकृतिक सुंदरता मौजूद है। लोहागढ़ क़िले का अर्थ है- “लोहे का क़िला” और इसे क़ैदियों को रखने के लिए बनाया गया था। खंडाला के पास एक अन्य पर्यटन स्थल ‘कुने प्रपात’ है, जो 100 मीटर की ऊँचाई से गिरता है। यह चारों ओर से हरियाली से घिरा हुआ है। पर्यटक यहाँ राजामची क़िला अवश्य देखते हैं, जो एक प्रतिष्ठित पर्यटन स्थल है और चारों ओर से सदाबहार घाटियों और उद्यानों से घिरा हुआ है। प्रचुर प्राकृतिक सुंदरता से भरे हुए खंडाला के पर्यटन स्थल वास्तव में अद्भुत हैं।
प्राकृतिक सौन्दर्य
यहाँ के गुफ़ा मंदिर बौद्ध स्थापत्य कला का प्रतिनिधित्व करते हैं। यहाँ अतीत में हीनयान संप्रदाय की उपस्थिति के प्रमाण भी प्राप्त होते हैं। प्रकृति प्रेमियों और उत्साहियों के लिए सुरम्य घाटियों में चलना एक रहस्यमयी आकर्षण है, जो इस स्थान की विशेषता है। खंडाला को प्रचुर प्राकृतिक सुंदरता भेंट स्वरूप मिली है और मानसून का समय इस प्राकृतिक चमत्कार को देखने के लिए सबसे अच्छा समय है, जब यह अपनी चरम सीमा पर होता है। चारों ओर सब कुछ सघन, हरा और ताज़ा दिखाई देता है, जो आपमें एक मादक भावना उत्पन्न करता है।
कब जाएँ
वर्ष के अक्टूबर से मई माह तक का समय खंडाला घूमने के लिए उपयुक्त है। इस ख़ूबसूरत पहाड़ी इलाके का सबसे अच्छा लाभ ट्रैकिंग के माध्यम से लिया जाता है। यहाँ आने वाले यात्री हों या कोई अनुभवी व्यक्ति, सभी को पहाड़ों और चट्टानों के ऊपर तक पहुँचने के लिए एक पगडंडी का चुनाव करना चाहिए और नीचे की ख़ूबसूरत घाटियों को देखना चाहिए। ‘ड्यूक्स नोज़ पॉइंट’ और ‘कार्ला पहाड़ियाँ’ यहाँ के दो लोकप्रिय ट्रेकिंग स्थान हैं। खंडाला में घूमने के लिए साल भर मौसम आदर्श रहता है। अधिकांश समय यहाँ का मौसम गर्म और सत्कारशील होता है। हालांकि यहाँ घूमने के लिए शीत ऋतु सबसे उत्तम है। यहाँ का शांत और मनमोहक मौसम इस स्थान पर छुट्टी के आनंद को और भी बढ़ा देता है।
कैसे पहुँचें
खंडाला तक हवाई मार्ग, सड़क मार्ग और रेल द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है। मुंबई और पुणे के बीच की प्रमुख कड़ी मुंबई-पुणे राजमार्ग खंडाला से गुजरता है। आस-पास के शहरों से इसकी पहुँच इसे लंबी पैदल यात्रा और आराम के लिए एक आकर्षक स्थान बनाती है। खंडाला महाराष्ट्र के सभी प्रमुख शहरों से रेल, सड़क और हवाई मार्ग के द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। पुणे हवाई अड्डा निकटतम हवाई अड्डा है, यद्यपि अनेक इंटरसिटी रेलें उपलब्ध हैं, जो महाराष्ट्र के प्रमुख शहरों को खंडाला से जोड़ती हैं।