ऊना। इंडियन ऑयल डिपो प्रबंधन और स्थानीय ग्रामीणों के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। ग्रामीणों ने रविवार को हड़ताल को जारी रखा और कंपनी प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी प्रबंधन स्थानीय लोगों की अनदेखी कर रही है जिसे सहन नहीं किया जाएगा। रविवार को जनकौर के पंचायत प्रधान जगदेव जग्गा, झूड़ोवाल प्रधान सुमन कुमारी, पूर्व प्रधान नंगड़ा कमला, प्रधान अबादा बराना योगराज के नेतृत्व में ग्रामीण डिपो के बाहर एकत्रित हुए और मांगों को लेकर प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर योगराज, राहुल देव शर्मा, नवदीप ठाकुर, सतीश, कमला देवी, राजेश कुमार बिंदु, हरीश, अजू, वीरेशव लाल, रणजोत सिंह, सुरेंद्र पाल, अश्वनी, करनैल, संजीव, जसवीर, तिलक राज, अशोक कुमार व राजिंद्र सहित अन्य उपस्थित रहे। ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी प्रबंधन ने निर्माण कार्य शुरू करने से पहले ग्रामीणों से वादा किया था कि डिपो के निर्माण कार्य में स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार दिया जाएगा। जनकौर प्रधान जगदेव जग्गा ने कहा कि पेखूबेला में आईओसीएल का इतना बड़ा प्रोजेक्ट लग रहा है लेकिन कंपनी प्रबंधन साथ लगते सभी गांवों को पूरी तरह अनदेखी कर रही है।
जब डिपो का प्रोजेक्ट पेखूबेला में आया था तो उनकी बैठक भी हुई थी। बैठक में कहा गया कि लेबर और माल ढुलाई के लिए स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार दिया जाएगा। अब कंपनी प्रबंधन स्थानीय लोगों को रोजगार न देकर बाहरी क्षेत्रों के लोगों को तरजीह दे रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण आईओसीएल के विरोध में नहीं लेकिन उन्हें अपना हक मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हमारे ग्रामीणों की अनदेखी हुई तो उसे सहन नहीं करेंगे।
पूर्व जिप अविनाश मेनन का कहना है कि डिपो के लिए गांव की जमीन ली गई लेकिन प्रबंधन बाहरी राज्यों के लोगों को रोजगार दे रहा है। उन्होंने कहा कि डिपो निर्माण के बाद भी जो टैंकरों का काम चलना है, उसके लिए भी कोई बैठक नहीं की गई। उन्होंने कहा कि माल ढुलाई के लिए भी स्थानीय युवाओं को रोजगार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कंपनी प्रबंधन ने अगर मांग की अनदेखी की तो उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।