हिन्दी पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रंगभरी और आमलकी एकादशी कहा जाता है। इस बार ये एकादशी सोमवार, 26 फरवरी को है। सोमवार और एकादशी का योग होने से इस दिन भगवान विष्णु के साथ ही शिवजी की पूजा करने से सभी कष्ट दूर हो सकते हैं। यहां जानिए शिवपुराण की विद्येश्वर संहिता के अनुसार शिव पूजा के सरल उपाय…
एकादशी पर सूर्यास्त से पहले 11, 21 या 51 अपनी श्रद्धा के अनुसार बिल्वपत्र पर शिवलिंग पर चढ़ाएं। इसके बाद ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।
चांदी के बर्तन से शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं। इस उपाय से चंद्र ग्रह से संबंधित दोष दूर हो सकते हैं।
शिवलिंग पर तांबे के लोटे से केसर मिश्रित जल चढ़ाएं। इस उपाय से कार्यों में आ रही बाधाएं खत्म हो सकती हैं।
सूर्यास्त के समय शिवजी के सामने घी का दीपक जलाएं और शिव मंत्र ऊँ नम: शिवाय का जाप 108 बार करें।
शिवलिंग पर अखंडित चावल चढ़ाएं। अखंडित चावल यानी चावल पूरे होने चाहिए। पूजा के बाद किसी गरीब को चावल दान करें।
इन उपायों के साथ ही भगवान विष्णु के ये उपाय कर सकते हैं
भगवान विष्णु को केले का भोग लगाएं।
भगवान विष्णु के साथ महालक्ष्मी की भी पूजा करें।
किसी गरीब को भोजन कराएं और धन का दान करें।
ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप 108 बार करें।
गुरुवार, 1 मार्च को होलिका दहन होगा, इससे पहले रंगभरी एकादशी पर यहां बताए गए उपाय करने से भगवान की कृपा मिल सकती है।