शहडोल जिला आदिवासी अंचल के रूप में पहचाना जाता है। जिले में बालिकाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए 5 कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय और 7 बालिका छात्रावास संचालित हो रहे हैं। छात्रावासों में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग और अस्थि बाधित, अनाथ एवं बेसहारा वर्ग की 1450 बालिकायें कक्षा 6 से 8 तक अध्यनरत हैं। यहां बालिकाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के कारण शहडोल जिले के कस्तूरबा गांधी विद्यालयों और छात्रावासों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाई है। प्रदेश में कस्तूरबा गांधी विद्यालयों और छात्रावास का संचालन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किया जा रहा है।
कस्तूरबा छात्रावासों में बालिकाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के साथ-साथ नि:शुल्क आवासीय सुविधा, भोजन, हाउस ड्रेस, शिष्यवृत्ति, रेमेडियल टीचिंग और विभिन्न खेलकूद की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। जिले के सभी कस्तूरबा गांधी छात्रावास परिसर में किचन गार्डन लगाये गये हैं। इनमें उत्पादित फल एवं सब्जियों का उपयोग बालिकाओं के भोजन में किया जा रहा है। सोहागपुर बालिका छात्रावास में आँवला, पपीता, अमरूद, अनार एवं बड़े पैमाने पर हल्दी, प्याज, लहसुन, आलू आदि सब्जियाँ लगायी गयी हैं। इनका छात्रावास में उपयोग करने के बाद शेष सब्जियों का विक्रय कर अर्जित राशि से बच्चियों को ब्लेजर एवं कम्प्यूटर सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है।
जिले के कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में डेयरी भी स्थापित की गई है। छात्रावासों और विद्यालयों में पढ़ने वाली बालिकाओं की आत्मरक्षा हेतु कराटे का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसकी राज्य स्तर पर प्रशंसा भी की गई है। प्रत्येक छात्रावास में विज्ञान, एवं गणित विषय की प्रयोगशालाओं से संबंधित शिक्षण सामग्री, कम्प्यूटर एवं विभिन्न प्रकार की खेलकूद सामग्रियाँ एवं पुस्तकालय की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान भी जिले के इन कस्तूरबा छात्रावास का निरीक्षण कर चुके है। उन्होंने छात्रावास की उत्कृष्ट व्यवस्थाओं की प्रशंसा कर छात्रावास अधीक्षिकाओं को प्रशंसा पत्र भी प्रदान किये हैं।