मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने आज अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर होटल पीटरहॉफ में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और महिला एवं बाल विकास निदेशालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में अपने सम्बोधन में कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में महिला नेतृत्व तथा उनके आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रां में महिलाओं की समान भागीदारी तथा नेतृत्व के माध्यम से सत्त विकास पर बल दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष के अभियान का विषय ‘प्रेस फॉर प्रोग्रेस’ वर्तमान समय में प्रासंगिक है, क्योंकि आज सभी क्षेत्रों में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण, लेंगिक समानता, महिला सशक्तिकरण तथा उत्थान की ओर क्षेत्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास व प्रगति दर्ज की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि 08 मार्च को प्रतिवर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है लेकिन वह मानते हैं कि साल के 365 दिन महिला शक्ति को समर्पित है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भाजपा के स्वर्णिम दृष्टि पत्र-2017 (विजन डॉक्यूमेंट) के अनुसार लैगिंक समानता, समान भुगतान, निष्पक्ष व बेहतर कार्य परिस्थितियां तथा क्षमता निर्माण के माध्यम से महिलाओं को सम्मान व अधिकार प्रदान करने और उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए कदम उठा रही है ताकि महिलाओं को उनके अधिकारां से सशक्त किया जा सके, जिसकी वे हकदार हैं। इसके अतिरिक्त उन्हें सभी आर्थिक संसाधन उपलब्ध करवाने, महिलाओं के विरूद्ध सभी तरह की हिंसा से निपटना तथा सत्त विकास व परिवर्तन लाने में महिलाओं की अहम् भूमिका को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं को कार्य के लिए अनुकूल वातावरण विकसित करेगी ताकि उनकी प्रतिभा को समुचित अवसर मिल सके। कन्याओं को आजीविका के विभिन्न अवसरों से अवगत करवाया जाएगा तथा पारम्परिक सेवाओं से आगे बढ़कर उद्योग, कला, लोक सेवा, आधुनिक कृषि तथा विज्ञान में भी व्यावसायिक अवसरों के प्रति प्रोत्साहित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं को कानूनी तौर पर भी सशक्त करना चाहती है तथा उन्हें ‘सशक्त स्त्री केन्द्रों’ के माध्यम से कानूनी सहायता भी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त विजन डॉक्यूमेंट में उल्लेखित इन केन्द्रों द्वारा रोज़गार के और अवसर भी प्रदान किए जाएंगे। राज्य सरकार महिला मण्डलों तथा स्वयं सहायता समूहों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक ज़िले में माह में दो बार चुनी गई महिला प्रतिनिधियों के साथ ‘सशक्त स्त्री सभाएं’ आयोजित की जाएंगी तथा सरकार उचित स्तर पर उनके सुझावों और समस्याओं के बारे में विचार-विमर्श करेगी। मुख्यमंत्री ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना को प्रभावी ढ़ग से क्रियान्वित करने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षित महिलाएं पीढ़ियों को पढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करती हैं।
श्री ठाकुर ने एवरेस्ट पर विजय पाने वाली साहसिक बछेन्द्री पाल का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने सभी कठिनाइयों का सामना करते हुए विश्व की सबसे ऊंची चोटी पर फतह पाने वाली देश की पहली महिला होने का गौरव हासिल किया है।
मुख्यमंत्री ने राज्य आर्थिक तथा सांख्यिकीय विभाग की रिपोर्ट ‘विमेन्स अनपेड इकान्मिक कॉंट्रीब्यूशन हिमाचल प्रदेश’ का भी विमोचन किया। इस रिपोर्ट के अनुसार विभिन्न आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं के अवैतनिक कार्य के अनुमानित मूल्य 15939 करोड़ रुपये पाया गया है तथा सभी प्रकार के अवैतनिक कार्यों के लिए महिलाओं का कुल योगदान प्रति महिला 9479 रुपये प्रतिमाह पाया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने महिलाओं के विरूद्ध अपराध तथा अत्याचार रोकने के लिए ‘शक्ति एप्प और गुड़िया हेल्पलाईन 1515 आरम्भ की है, जो कि सत्ता में आने के बाद सरकार द्वारा उठाया गया सबसे सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पंचायतीराज संस्थानों में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण प्रदान करने वाला पहला राज्य है।
उन्होंने महिलाओं के लिए बनाई गई नीतियों का प्रदेश के प्रत्येक कोने में प्रचार करने, महिलाओं के विभिन्न अधिकारों के प्रति उन्हें जागरूक बनाने तथा उनके हितों की रक्षा के लिए कानूनी जानकारी प्रदान करने का आग्रह किया।
उन्होंने सराज विधानसभा क्षेत्र के गोहर खण्ड की ग्राम पंचायत थरजून की सबसे कम आयु की प्रधान जबना चौहान को भी सम्मानित किया। जबना चौहान ने अपनी पंचायत में सफाई तथा स्वच्छता अभियान और नशाखोरी के खिलाफ अहम् भूमिका निभाई। उन्होंने अपनी पंचायत में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है। इस उपलब्धि के लिए उन्हें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भी सराहा व सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री ने संस्कृति तथा समाज सेवा को प्रोत्साहित करने के लिए शिमला ज़िले की कंचन शर्मा, समाज सेवा व स्वच्छता अभियान में योगदान तथा महिला अधिकारों के लिए संघर्ष करने के लिए ग्राम पंचायत जार की प्रधान आरती निरमोही, नशाखोरी के खिलाफ, स्वच्छता अभियान तथा सामाजिक कल्याण में योगदान के लिए कुल्लू की कुमारी सीता देवी को भी सम्मानित किया। उन्होंने महिला मंडल कोटली, मण्डी तथा हिमोत्कर्ष साहित्य संस्कृति जन कल्याण परिषद् ऊना को महिला सशक्तिकरण तथा महिलाओं को सभी प्रकार की सहायता प्रदान करने के लिए सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की 16 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया।
निदेशक महिला एवं बाल कल्याण विभाग श्री हंस राम शर्मा ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और महिलाओं के कल्याण के सम्बन्ध में चलाई जा रही योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी।
नगर निगम की महापौर श्रीमती कुसुम सदरेट, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. डेज़ी ठाकुर, सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री खुशी राम बालनाहटा, उप महापौर श्री राकेश कुमार शर्मा, बाल अधिकार सरंक्षण आयोग की अध्यक्ष किरण धांटा, समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष श्रीमती सत्या परमार, राज्य बाल विकास परिषद् की सदस्य किम्मी सूद, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती निशा सिंह भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।