महिला अधिवक्ताओं को नियुक्ति में मिलेगा 30 प्रतिशत आरक्षण
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर मुख्यमंत्री ने की घोषणा
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये मुख्यमंत्री महिला कोष की स्थापना की जायेगी। कोष का उपयोग महिला सशक्तिकरण गतिविधियों में किया जायेगा। उन्होंने उच्च न्यायालय एवं जिला न्यायालयों में शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति में महिला अधिवक्ताओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की। श्री चौहान आज यहाँ अतंर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पचास वर्ष से अधिक आयु की विधवा अथवा परित्यक्ता महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जायेगी। बड़े शहरों में कामकाजी महिलाओं के लिए कामकाजी महिला वसतिगृहों का संचालन निजी भवनों को किराये पर लेकर किया जायेगा। इसमें महिलाओं के सुरक्षा एवं सुविधाओं के पर्याप्त उपाय किए जायेंगे।
श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश की आँगनवाड़ियों में वितरित होने वाले टेक होम राशन के निर्माण और प्रदाय का कार्य महिलाओं के स्व-सहायता समूहों के फेडरेशन के जरिये किया जायेगा। शासकीय विद्यालयों में वितरित की जाने वाली यूनिफार्म को सिलने का कार्य महिला स्व-सहायता समूहों को दिया जायेगा। योग्य महिला स्व-सहायता समूहों के फेडरेशन्स को ऋण की गारंटी सरकार द्वारा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि श्रमिक महिलाओं को गर्भावस्था में पालन-पोषण के लिये छह महीने से लेकर प्रसव तक चार हजार रूपये दिये जायेंगे। प्रसव के बाद 12 हजार रूपये दिये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटियों की गरिमा को मलिन करने वालों को फाँसी की सजा होगी। इसके लिये कानून बनाकर राष्ट्रपति को अनुमोदन के लिये भेजा गया है। उन्होंने कहा कि समाज को भी बेटियों की सुरक्षा के लिये खड़े होना होगा। मानसिकता बदलनी होगी। बेटों में भी संस्कार देने की पहल करना होगी कि वे बहनों और बेटियों का सम्मान करें।
श्री चौहान ने कहा कि समाज और विश्व को आगे बढ़ाने के लिये मातृ शक्ति को आगे बढ़ने के ज्यादा से ज्यादा अवसर देने होंगे। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे आगे बढ़ें और मध्यप्रदेश को भी आगे बढ़ायें। उन्होंने कहा कि हर दिन बेटी का होना चाहिये। सिर्फ एक दिन सम्मान और श्रद्धा का कार्यक्रम करने की रस्म निभाने से आगे बढ़कर काम करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने अपने-अपने कार्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित किया। इसमें लाड़ो सम्मान, लिंगानुपात सुधार पुरस्कार, तेजस्विनी पुरस्कार, सशक्त वाहिनी पुरस्कार और 60 वर्ष से अधिक आयु की उन महिलाओं को सम्मानित किया गया, जो अपने-अपने कार्य क्षेत्रों में अथक कार्य कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने पश्चिम मध्य रेल में सहायक लोको पायलट सुश्री आरती सिंह राजपूत, सुश्री प्रीति वर्मा और सुश्री दीपा झरवड़े को सम्मानित किया। उन्होंने सुश्री पूरन ज्योति, सुश्री इशिता विश्वकर्मा, श्री राघवेन्द्र शर्मा और सुश्री अनीता विश्वकर्मा को लाडो सम्मान दिया। बुरहानपुर जिले में लिंगानुपात सुधार के लिये सुश्री सौरभ सिंह को सम्मानित किया गया। सुश्री विनीता नामदेव, श्रीमती रेखा पंजाम, सुश्री इंद्राणी वरकड़े, सुश्री शांति टेकाम को तेजस्विनी पुरस्कार दिया गया। बुरहानपुर की सुश्री निधि गुप्ता को सशक्त वाहिनी पुरस्कार दिया गया। इसके पहले मुख्यमंत्री ने महिला वसति गृह ‘स्वयंसिद्धा’ का लोकार्पण किया। उन्होंने मातृ शक्ति की उपलब्धियों पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस नारी शक्ति की गरिमा का उत्सव मनाने का दिन है। उन्होंने बताया कि एक लाख बेटियों को ड्रायविंग लाइसेंस दिये गये हैं। कमर्शियल लाइसेंस देने की भी पहल होगी। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा, कल्याण में प्रदेश आगे है। आँगनवाड़ी की 12 हजार कार्यकर्ताओं को मोबाइल दिया गया है। शेष आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को जल्दी ही मोबाइल मिलेंगे। उन्होंने कहा कि जननी सुरक्षा योजना से संस्थागत प्रसव कई गुना बढ़ गया है और कम वजनी बच्चों की संख्या में कमी आयी है। गंभीर कुपोषित बच्चों की संख्या भी कम हो गई है।
अखिल भारतीय किरार महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती साधना सिंह चौहान, राज्य मंत्री श्रीमती ललिता यादव और बड़ी संख्या में मातृ शक्ति उपस्थित थीं। सभी जिलों से महिलाएँ सम्मेलन में भाग लेने आई थीं। अध्यक्ष म.प्र. हाउसिंग बोर्ड श्री कृष्ण मुरारी मोघे, महिला आयोग अध्यक्ष श्रीमती लता वानखेड़े भी उपस्थित थी। शुभारंभ सत्र में बाल भवन के बच्चों ने बेटी बचाओ पर नृत्य-नाटिका प्रस्तुत की। इस मौके पर प्रमुख सचिव श्री जे.एन. कंसोटिया और आयुक्त महिला सशक्तिकरण श्रीमती जयश्री कियावत भी उपस्थित थीं।