चार दिवसीय भारत दौरे पर अपनी पत्नी ब्रिगिट्टे मैरी क्लाउड मैक्रों और मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्रियों के साथ आए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ दिल्ली के हैदराबाद हाउस में मुलाकात कर रहे हैं। इससे पहले मैक्रोन ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मिलकर कई मुद्दो पर चर्चा की।
मैक्रों ने राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक स्वागत समारोह के दौरान कहा ,’ मैं भारत आकर बहुत खुश हूं और स्वयं को गौरवाविंत महसूस कर रहा हूं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत वर्ष जुलाई में अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान मुझे अपने देश आने का न्यौता दिया था। मेरा इरादा दोनों देशों के बीच खास कर, रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्रों में सहभागिता का एक नये युग की शुरूआत करने का है।’
उन्होंने दोनों देशों के संबंधों को ऐतिहासिक बताते हुए कहा,’मैं समझता हूं कि हमारे बीच बहुत बेहतर तालमेल है। दो महान लोकतांत्रिक देशों के बीच संबंध ऐतिहासिक हैं।’
इससे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्री मैक्रों और उनकी पत्नी ब्रिगित मैरी क्लाउड मैक्रों का राष्ट्रपति भवन में स्वागत किया। श्री मैक्रों के साथ उनके मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्य भी आये हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने श्री मैक्रों का हवाई अड्डे पर स्वागत किया। श्री मैक्रो चार दिन की यात्रा पर कल देर रात यहां पहुंचे। श्री मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर उनका स्वागत करने के लिए खुद हवाई अड्डे पहुंचे। श्री मैक्रो अपनी यात्रा के दौरान यहां दो दिन के सौर गठबंधन सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यह सम्मेलन 1० से 11 मार्च तक राजधानी दिल्ली में होगा। इस सम्मेलन में लगभग 6० देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।
फ्रांस के राष्ट्रपति अपनी पहली भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी जाएंगे। मैक्रॉन मोदी के साथ 12 मार्च को वाराणसी पहुंचेंगे। इससे पहले दोनों नेता उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर भी जाएंगे। दोनों नेता वहां पर फ्रांस की कंपनी एनवॉयर सोलर प्राइवेट लिमिटेड और नेडा ने दादरकलां गांव में 650 करोड़ से बने 75 मेगावॉट के सोलर पावर प्लांट का उद्घाटन करेंगे।
मैक्रॉन मोदी के साथ काशी के घाट घूमेंगे। मैक्रॉन के स्वागत के लिए नृत्य संगीत का एक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा। वाराणसी पहुंचने पर मैक्रॉन और मोदी का स्वागत अलग ढंग से किया जाएगा। जिस रास्ते से प्रधानमंत्री और फ्रांस के राष्ट्रपति गुजरेंगे उस रास्ते पर करीब आठ हजार स्कूली छात्र-छात्राएं फ्रांस एवं भारत के झंडे लहराएंगे। इसके लिए 150 स्कूलों को जिला प्रशासन ने पत्र भेजकर बच्चों को तैयार रहने को कहा है।