Home हिमाचल प्रदेश जल विद्युतए पर्यटन तथा बागवानी विकास पर विशेष बलः मुख्यमंत्री

जल विद्युतए पर्यटन तथा बागवानी विकास पर विशेष बलः मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर ने कहा कि सरकार प्रदेश में उद्यमियों को सभी मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने पर विचार करेगी तथा एकल खिड़की स्वीकृतियों को सरल बना कर और अधिक निवेश आमंत्रित करने का प्रयास करेगीए जिससे ष्ईज़ ऑफ डुईंग बिजनेसष् में प्रदेश की रैंंकग में सुधार होगा।
मुख्यमंत्री ने निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से भारतीय उद्योग परिसंघ ;सीआईआईद्धए हिमाचल चैप्टर द्वारा वीरवार सांय को शिमला के होटल हॉली डे होम में आयोजित हिमाचल प्रदेश राज्य वार्षिक सत्र 2017.18 को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस उद्देश्य को हासिल करने से प्रदेश के उद्योग क्षेत्र में 2020 से आगे के लक्ष्य के लिए प्रगति तथा सत्त विकास में सहायता मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जल विद्युतए पर्यटन तथा बागवानी क्षेत्रों में रोजगार व उद्यमिता की अपार क्षमता है। उन्होंने कहा कि सरकार जल विद्युत क्षेत्र में आने वाली जटिलताओं को आसान बनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार सभी कठिनाईयों के बावजूद प्रदेश की पर्यटन क्षमता का उचित दोहन करना चाहती हैए ताकि हिमाचल प्रदेश को वास्तव में प्रिय पर्यटन गणतव्य बनाया जा सके।
प्रदेश सरकार रोज़गार के और अधिक अवसर सृजित करने का प्रयास कर रही है। इसके अतिरिक्तए बेरोज़गार लोगों को उद्योग क्षेत्र में आवश्यकता के अनुसार कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि उन्हें अधिक से अधिक रोज़गार प्राप्त हो सके।
उन्होंने कहा कि सरकार उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त सहायक तंत्र सहित अनुकूल वातावरण सृजित करना चाहती है। इसके अतिरिक्त सरकार युवाओं को रोज़गार तलाशने के स्थान रोजगार सृजित करने के लिए बढ़ावा देना चाहती हैं।
उन्होंने व्यवहार कुशलताए मानव संसाधन प्रबन्धन इत्यादि पर विभिन्न क्षमता निर्माण कार्यक्रमों का संचालन करने के सीआईआई के प्रयासों की सराहना की तथा कहा कि सीआईआई देशभर में ज्ञान सांझा करने के माध्यम से अध्ययन के लिए एक सुदृढ़ संस्थान के रूप में जाना जाता है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में ष्ईज ऑफ डुईंग बिजनेसष् के लिए देशभर में हिमाचल प्रदेश 17वें स्थान पर है तथा पहाड़ी राज्यों में औद्योगिक क्रान्ति के लिए अनुकूल वातावरण सृजित करने के मामले में प्रदेश में अपार क्षमता है। उन्होंने कहा कि प्रोत्साहन नीति उतनी आकर्षक नही है तथा इसे उद्योग क्षेत्र में असामान्य विकास के लिए संशोधित करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि हालांकि औद्योगिक पैकेज की अवधि अब समाप्त हो गई हैए फिर भी सरकार इस क्षेत्र में नए अवसर सृजित करेगी तथा बेहतर परिणाम हासिल करेगी।
उन्होंने उद्योगों के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए केन्द्र सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इन दिशा.निर्देशों का अनुसरण करते हुए उद्यमियों को सुविधाएं प्रदान करने का प्रयास करेगीए ताकि प्रदेश में औद्योगिकीकरण की गति को बढ़ावा देने के साथ.साथ और अधिक रोज़गार सृजित किए जा सके।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य सुदृढ़ आर्थिकी के साथ.साथ युवाओं के लिए और अधिक रोज़गार अवसर सृजित करना हैए जो अधिकतम निवेश सुनिश्चित बनाने तथा ष्ईज ऑफ डुईंग बिजनेसष् के लिए अनुकूल वातावरण सृजित करने से संभव होगा। उन्होंने कहा कि इस दिशा में निजी क्षेत्र एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
उन्होंने कहा कि प्रायः यह अनुभव किया गया है कि जल विद्युत क्षेत्र में निवेश करने वाले उद्यमियों को अनेक अड़चनों का सामना करना पड़ता है तथा स्वीकृतियां प्राप्त करने में कठिनाईयां आती है। इस कारण इस क्षेत्र में आज निवेशकों के उत्साह में गिरावट दिखती है तथा सरकार उनके मार्ग से सभी अड़चनों को हटाने का प्रयास करेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार निवेशकों को पारदर्शीए उद्यमी मित्र तथा जबावदेह शासन प्रदान करेगी। उन्होंने उद्यमियों से प्रदेश में औद्योगिक इकाईयों को स्थापित करने के लिए नियमों को सरल बनाने के लिए सुझाव आमंत्रित किएए ताकि लोगों को रोज़गार के और अधिक अवसर प्रदान किए जा सके।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पड़ौसी राज्य की तरह प्रतिस्पर्धी बिजली दरें प्रदान करने पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी। मुख्यमंत्री ने समयबद्ध स्वीकृतियों के लिए निर्धारित दिशा.निर्देशों सहित अनुकूल संचालन नियामक ढांचा बनाने तथा विभिन्न विभागों को एकल खिड़की स्वीकृति तंत्र से जोड़ने का आश्वासन भी दिया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ष्हिमाचल प्रदेश इण्डस्ट्री बियोण्ड 2020ए द रोड अहैडष् नामक रिपोर्ट का विमोचन भी किया।
उद्योग मंत्री श्री बिक्रम सिंह ने सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार उद्यमियों से जुड़े मामलों से भलीभांति परिचित है। उन्होंने कहा कि उद्यमियों की समस्याओं को मुख्यमंत्री तथा अन्य स्तरों पर सम्बोधित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार उद्यमियों को बेहतर अधोसंरचना प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है तथा सरकार निश्चित रूप से उनके सुझावों पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पड़ौसी राज्यों के मुकाबले स्वच्छए पारदर्शी तथा जबावदेह शासन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
सीआईआई के उत्तरी क्षेत्र के उपाध्यक्ष श्री सचिन जैन ने इस अवसर पर कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस नए युग में नीतियों को पुनः तैयार तथा संशोधित करने के लिए मिलजूल कर काम करना आवश्यक है ताकि निवेशकों के लिए आकर्षक निवेश वातावरण सृजित किया जा सके तथा उद्योग क्षेत्र में प्रगति व विकास हो विकास हो।
उन्होंने प्रदेश में उच्च स्तरीय पर्यटन तथा जल विद्युत क्षेत्र पर बल देते हुए कहा कि सीआईआई प्रदेश में उद्योग क्षेत्र की प्रगति को बढ़ावा तथा प्रोत्साहित करने के लिए सदैव तत्पर है। उन्होंने कहा कि राज्य को ष्ईज़ ऑफ डुईंग बिजनेसष् में देशभर के पहले पांच राज्यों में शामिल होने का लक्ष्य साधना चाहिए। उन्होंने कम से कम पांच वर्षों तक बिजली दरों को न बढ़ाने का आग्रह भी किया।
सीआईआईए हिमाचल प्रदेश राज्य परिषद के अध्यक्ष श्री राजेश साबू ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।
मुख्य सचिव श्री विनीत चौधरीए अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आरण्डीण्धीमानए अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती मनीषा नन्दाए निदेशक डेलाइट टॉच तेहमात्सु इण्डिया श्री शुभम गुप्ताए सरकारी बैंकिंग के ग्रुप अध्यक्ष एवं यस बैंक के राष्ट्रीय प्रमुख श्री निखिल साहनी भी अन्य गणमान्य सहित इस अवसर पर उपस्थित थे।

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