उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को इस मसले पर चिकित्सकों के साथ वार्ता करनी चाहिए जिससे बेहतर हल निकले और स्वास्थ्य सुविधाएं मजबूत हो सकें। उन्होंने कहा कि चिकित्सक समाज, कल्याण व रोगियों की सेवा के लिए कृत संकल्प है, लेकिन सरकारी धक्केशाही को सहन नहीं किया जाएगा। डॉ. नंदा ने कहा कि आईएमए ने डॉक्टरों व जनता के हित में कुछ मसलों को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया है जिसका अभी तक समाधान नहीं हुआ है। डॉ. नंदा ने कहा कि एनएमसी बिल डॉक्टरों के प्रति हिंसा के मसलों को लेकर डॉक्टर आंदोलनरत हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का प्रस्तावित बिल डॉक्टरों के काम व स्वास्थ्य भावना के विरुद्ध है, इसलिए इसका विरोध राष्ट्रीय स्तर पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 25 मार्च को इसी मसले पर डॉक्टर महापंचायत कर रहे हैं जिसमें देश भर से डाक्टर जुटेंगे। इस अवसर पर डॉ. पीएल नंदा, डॉ. इंदू भारद्वाज, डॉ. प्रवीण भारद्वाज, डॉ. जीडी सिद्ववानी, डॉ. राकेश अग्निहोत्री, डॉ. आशीष लेखी, डॉ. हरजिंद्र सिंह, डॉ. रितेश सोनी सहित अन्य चिकित्सक उपस्थित रहे।