शिवपुराण के अनुसार शिवजी की पूजा से कुंडली के दोष दूर हो सकते हैं और सभी मुसीबतों के छुटकारा मिल सकता है। ये उपाय उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा द्वारा बताया गया है।
सोमवार से शुरू करके हर रोज सुबह नित्यकर्म और स्नान कर पवित्र हो जाएं।
शिव उपासना के लिए सफेद वस्त्र पहनें।
पंचोपचार यानी पांच चीजों से पूजन करें। इसमें चंदन, फूल, नैवेद्य, धूप और दीप आदि शामिल करें। इसके बाद शिवजी को जल और बिल्वपत्र अर्पित करें। पूजन में भगवान विष्णु के मंत्रों का या शिव मंत्रों का जाप किया जा सकता है।
मंत्र-1. ऊँ विष्णुवल्लभाय नम: 2. ऊँ महेश्वराय नम: 3.ऊँ शंकराय नम:
भगवान को प्रसाद के रूप में फल या दूध से बनी मिठाई अर्पित करें।
पूजन के बाद धूप, दीप, कर्पूर से आरती करें।
ये है शिव पूजा की सरल विधि
शिव पूजा में सबसे पहले गणेशजी की पूजा करें। भगवान गणेश को स्नान कराएं। वस्त्र अर्पित करें।
फूल, चावल चढ़ाएं। दीपक जलाएं। गणेश पूजा के बाद भगवान शिव की पूजा शुरू करें।
सबसे पहले घर के मंदिर में स्थापित शिवलिंग में भगवान शिव का आवाहन करें। आवाहन यानी भगवान को बुलाना। भगवान शिव को अपने घर बुलाएं।
शिवजी को अपने घर में सम्मान सहित स्थान दें यानी आसन दें।
अब भगवान शिव को स्नान कराएं। पहले जल से, फिर पंचामृत से और फिर जल से स्नान कराएं।
अब भगवान को वस्त्र पहनाएं। वस्त्रों के बाद आभूषण और फिर यज्ञोपवित (जनेऊ) पहनाएं।
फूलों का पहनाएं। सुगंधित इत्र अर्पित करें। तिलक करें। तिलक के लिए अष्टगंध या चंदन का प्रयोग करें। नेवैद्य यानी भोग लगाएं।
धूप व दीप जलाएं। भगवान शिव को धतूरा, आक के फूल विशेष प्रिय है। बिल्वपत्र अर्पित करें।
चावल अर्पित करें। श्रद्धानुसार घी या तेल का दीपक लगाएं। आरती करें।
आरती के बाद आधी परिक्रमा करें।
भगवान शिव की पूजा में ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जाप करते रहना चाहिए।