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कांग्रेस महाधिवेशन सोनिया गांधी बोलीं- कांग्रेस पार्टी नहीं सोच है, इसकी जीत मतलब देश की जीत…

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कांग्रेस अब पूरी तरह से मिशन 2019 के लिए कमर कस चुकी है. कांग्रेस के 84वें महाधविशेन के पहले दिन आज देश भर से जमा हुए पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला और साथ ही उनकी आंखों में यह आस भी दिखी कि राहुल गांधी की नुमाइंदगी में पार्टी की​​ किस्मत ​फिर संवरेगी. ध्वजारोहण और राष्ट्रगीत से दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में देश की सबसे पुरानी पार्टी का अधिवेशन शुरू हुआ. बता दें कि दो दिन चलने वाले इस कार्यक्रम की राहुल गांधी ने शनिवार की सुबह विधिवत शुरुआत की.

सोनिया गांधी ने सबसे पहले पार्टी के नये अध्यक्ष राहुल गांधी को बधाई दी. उन्होंने कहा कि राहुल ने बहुत ही चुनौतीपूर्ण समय में ये जिम्मेवारी संभाली है. हमें उनके साथ मिलजुल कर काम करना चाहिए. यह समय हमें अपनी निजी अहम और स्वार्थ देखने का नहीं है.

आज केवल एक ही बात मायने रखती है कि जिस महान पार्टी से हमारा पुराना नाता है, उसे कैसे और मजबूत बनाई जाए ताकि पार्टी को जीत होगी. पार्टी की जीत देश की जीत होगी, हम सबकी जीत होगी. कांग्रेस पार्टी से सभ्यता की झलक मिलती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक ऐसी पार्टी बने जो सभी वर्गों की नुमाईंदगी करे और सबको लेकर चले. कांग्रेस वैसी पार्टी बने जो देश को एक सूत्र को बांधकर ले चले.

अगले कुछ महीने में कर्नाटक चुनाव में हमारी पार्टी का एक ऐसा शानदार प्रदर्शन हो जिससे देश की राजनीति को एक नई दिशा मिले. गुजरात, राजस्थान और मध्यप्रदेश में हमारे परिश्रम से पता चलता है कि जो अपनी राजनीति से हमारा अस्तित्व मिटाना चाहते हैं, उन्हें ये नहीं पता कि अभी भी देश के लोगों के दिल में कांग्रेस के लिए कितना सम्मान और भाव है.

राजनीति में मेरे प्रवेश का कारण आप जानते हैं. परिस्थितियों ने मुझे सार्वजनिक जीवन में आना पड़ा. मैं राजनीति की दुनिया में कभी नहीं आना चाहती थी, मगर जब मुझे लगा कि पार्टी खतरे में है इसलिए पार्टी की जन भावनाओं को समझते हुए पार्टी की नेतृत्व को संभाला.

आप सभी के सहयोग और सम्मान ने मुझे शक्ती दी. मैं जब पीछे मुड़कर देखती हूं तो ऐसा लगता है कि हमारी पार्टी ने लोगों का विश्वास जीतने के लिए कितनी मेहनत  की है. एक एक कदम बढ़ा कर हमने 1998 से 2004 के बीच में हमने कई राज्यों में सरकार बनाई और पार्टी को मजबूत बनाया. इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा. 1998 में यह बात हुई थी कि कांग्रेस को दूसरे के साथ गठबंधन नहीं करना चाहिए. मगर हमने बाद में हमने समान विचार वाले लोगों के साथ मिलकर काम करने विचार किया.

केंद्र ने कांग्रेस ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व में सरकार बनाई और हम अपने लक्ष्य़ में कामयाब रहे. यूपीए की सरकार में देश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ी. आर्थिक वृद्धि के दर अभी तक के सबसे ऊंचे स्तर पर रहे हैं. हमने कई ऐतिहासिक और क्रांतिकारी योजनाओं को लागू किया. हमने मनरेगा, सूचना का अधिकार और कई योजनाओं से करोड़ों लोगों को फायदा पहुंचा.

आज मुझे बहुत दुख होता है कि इन सभी योजनाओं को मोदी सरकार कमजोर कर रही है और खत्म कर रही है. इससे पहले राहुल गांधी ने उद्घाटन भाषण के दौरान कहा कि आज देश में गुस्सा फैलाया जा रहा है, देश को बांटा जा रहा है. हिंदुस्तान के एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से लड़वाया जा रहा है. हमारा काम जोड़ने का है. कांग्रेस का हाथ निशान ही देश को जोड़ कर रख सकता है.

उन्होंने एक तरह से बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि हम अपने सीनियर नेताओं को नहीं भूलते हैं. हमारे पार्टी के नेता जैसे सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह पार्टी के लिए लड़ते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि यह महा अधिवेशन भविष्य की बात कर रहा है, बदलाव की बात कर रहा है. राहुल ने कहा कि देश को सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही रास्ता दिखा सकती है. कांग्रेस पार्टी में और विपक्ष में क्या फर्क है? एक फर्क है कि वह गुस्से का प्रयोग करते हैं, हम प्यार का और भाईचारे का प्रयोग करते हैं. उन्होंने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, ये देश हम सबका है, हर जात का है, हर धर्म का है. कांग्रेस पार्टी जो भी करेगी, वह सबके लिए करेगी. किसी को पीछे नहीं छोड़ेगी. धन्यवाद.

बताया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी चार प्रस्ताव पारित करेगी. इनमें राजनीतिक, आर्थिक, विदेशी मामलों तथा कृषि, बेरोजगारी एवं गरीबी उन्मूलन के विषय शामिल होंगे. पार्टी प्रत्येक क्षेत्र के बारे में अपना दृष्टिकोण रखेगी और वर्तमान परिदृश्य से उसकी तुलना की जाएगी. दो दिन के गहन विचार विमर्श सत्र में राजनीतिक स्थिति सहित दो प्रस्तावों को पहले दिन लिया जाएगा.
अंतिम दिन दो प्रस्तावों पर विचार होगा जिनमें बेरोजगारी से संबंधित प्रस्ताव होगा. सूत्रों ने कहा कि राजनीतिक प्रस्ताव में समान विचारों वाली पार्टियों के साथ गठबंधन करने के बारे में पार्टी की योजना का संकेत मिलेगा.  यूपीए संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रात्रि भोज में 20 विपक्षी दलों के नेताओं को बुलाकर इस दिशा में पहल की है.

84वें महाधिवेशन से पहले शुक्रवार को इसकी विषय समिति की बैठक हुई. बैठक पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में हुई. इसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, वरिष्ठ नेता ए के एंटनी, जनार्दन द्विवेदी तथा पार्टी के प्रदेश इकाइयों के अध्यक्ष सहित विभिन्न नेताओं ने भाग लिया.

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