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बजट सत्र के दूसरे चरण में पिछले दो सप्ताह की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित

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बजट सत्र के दूसरे चरण में पिछले दो सप्ताह की कार्यवाही हंगामे के कारण बाधित रही है और आज लगातार 12वें दिन भी प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया।  सदन के शुरू होते ही तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर एआईएडीएमके के सांसद शोर मचाने लगे। भारी हंगामे के कारण आज लोकसभा की कार्यवाही आरंभ होने के साथ ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

अन्नाद्रमुक और टीआरएस के सदस्य ‘वी वांट जस्टिस के नारे लगा रहे थे। टीआरएस के सदस्यों ने ‘एक राष्ट्र, एक कानून  की मांग वाली तख्तियां ले रखी थीं।
अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस देने वाली टीडीपी के सदस्य अपने स्थान पर खड़े थे और उन्होंने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं।

आपको बता दें कि बजट सत्र के दूसरे चरण में पांच मार्च को आरंभ होने के बाद से लोकसभा की कार्यवाही पीएनबी धोखाधड़ी मामले, आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग और तेलंगाना में आरक्षण के मुद्दे को लेकर लगभग रोजाना बाधित हो रही है।  हालांकि सोमवार को इसके लिए नोटिस दिया जा चुका है। लेकिन एआईएडीएमके के हंगामे की वजह से कल अविश्वास प्रस्ताव को पेश नहीं किया जा सका। जिसके बाद विपक्ष ने आरोप लगाया कि ये सब सरकार के इशारे पर हो रहा है।

वहीं इससे पहले सोमवार को विपक्षी दलों के हंगामे के कारण 11वें दिन भी लोकसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। इसके कारण केंद्र सरकार के खिलाफ तेलुगुदेशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव फिर आगे नहीं बढ़ सका। जबकि सरकार चर्चा के लिए तैयार थी।

अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सदन में मोदी सरकार पूरे आत्मविश्वास में नजर आई। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव समेत सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। सभी दल सहयोग दें। वहीं, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि हंगामे की स्थिति में प्रस्ताव लाने वाले लोगों गिना नहीं जा सकता है।

लोकसभा की बैठक शुरू होते हुए आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने समेत अन्य मांगों को लेकर टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस, अन्नाद्रमुक आदि के सदस्यों ने हंगामा किया। इसके कारण कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित रही। दोबारा बैठक शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा। इसी बीच लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि वह टीडीपी के केटी नरसिंहन और वाईएसआर कांग्रेस के वाई वी सुब्बारेड्डी द्वारा पेश अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस के संदर्भ में कर्तव्य से बंधी हैं। लेकिन सदन में व्यवस्था नहीं है। सदस्य अपने स्थान पर जाएं और सदन में व्यवस्था बने तो ही वह इस पर आगे बढ़ सकती हैं। इस पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्यों और टीडीपी के सदस्यों ने अपने स्थानों पर ही खड़े होकर जोरदार हंगामा किया। हंगामा जारी रहने के कारण बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।

मोदी सरकार के चार साल के कार्यकाल में पहली बार है जब विपक्षी दल अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहते हैं। वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी ने शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास किया था।

आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने और पुनर्गठन कानून के प्रावधानों को लागू करने की मांग को लेकर टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस बजट सत्र के दूसरे हिस्से की शुरुआत से ही संसद में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
दोनों दलों का दावा दोनों दलों का कहना है कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राजद, एनसीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, वामदल समेत अन्य पार्टियों ने साथ देने का वादा किया है।

इस मुद्दे को लेकर पहले टीडीपी ने एनडीए सरकार में अपने कोटे के दो मंत्रियों का इस्तीफा दिलवाया। कुछ दिनों के बाद एनडीए से अलग हो गई।

संसद की कार्यवाही बाधित होने और अविश्वास प्रस्ताव के बारे में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, हम नियमों के तहत हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं। आखिर संसद चर्चा के लिए ही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संसद की कार्यवाही नहीं चल पा रही है। राजनाथ ने लोकसभा में कहा कि सरकार चाहती है कि सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हो।  वहीं, संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने कहा, हम अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए तैयार हैं।

टीडीपी ने सोमवार को भी संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया। इसमें कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य रेणुका चौधरी भी मौजूद थीं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं टीडीपी नेता अशोक गजपति राजू ने कहा कि यह आंध्र प्रदेश के लोगों के लिए भावनात्मक एवं अति महत्वपूर्ण विषय है। यह तेलुगु गौरव से जुड़ा विषय है और इसमें सभी वर्ग और दल के लोग साथ आ सकते हैं। हमारा संघर्ष जारी रहेगा। रेणुका चौधरी ने कहा कि हमारी पार्टी सत्य के साथ है और हम आंध्रप्रदेश के संबंध में किए गए सभी वादों को पूरा करेंगे।

लोकसभा में समीकरण 
543 सीटें हैं कुल
536 सदस्य हैं फिलहाल
328 सांसद हैं एनडीए के
312 है टीडीपी को छोड़कर
18 शिवसेना के अनुपस्थित रहे तो भी सरकार को खतरा नहीं
273 सांसद भाजपा के हैं
269 चाहिए बहुमत के लिए जादुई आंकड़ा
(भाजपा को लोजपा के छह, रालोसपा के तीन, अकाली दल के चार, जदयू के दो और अपना दल के दो सदस्यों का समर्थन प्राप्त है)

अविश्वास प्रस्ताव का आंकड़ा
16 सांसद हैं टीडीपी के
9 सांसद हैं वाईएसआर कांग्रेस के
48 सांसद कांग्रेस के समर्थन करेंगे
50 का आंकड़ा चाहिए प्रस्ताव के लिए

शिवसेना किसी के साथ नहीं
सरकार की सहयोगी शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत ने अविश्वास प्रस्ताव पर कहा कि उनकी पार्टी इस पर न तो सरकार का और ना ही विपक्ष का साथ देगी।

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