फिल्म का नाम: हिचकी
डायरेक्टर: सिद्धार्थ पी मल्होत्रा
स्टार कास्ट: रानी मुखर्जी, नीरज कबी, सचिन पिलगांवकर, सुप्रिया पिलगांवकर, हर्ष मायर
अवधि: 1 घंटा 58 मिनट
सर्टिफिकेट: U
रेटिंग: 3 स्टार
डायरेक्टर सिद्धार्थ मल्होत्रा ने साल 2010 में फिल्म ‘वी आर फैमिली’ डायरेक्ट की थी. जिसमें अर्जुन रामपाल, करीना कपूर, काजोल मुख्य भूमिका में नजर आए थे और उसके बाद अब लगभग 8 साल बाद सिद्धार्थ के डायरेक्शन में फिल्म हिचकी रिलीज हुई है. जिसमें अभिनेत्री रानी मुखर्जी मुख्य भूमिका में नजर आ रही हैं. फिल्म की रिलीज में देरी की वजह बाकी और फिल्मों को जगह देना था. आखिर कैसी बनी है रानी मुखर्जी की ये कमबैक फिल्म, आइए समीक्षा करते हैं…
कहानी
फिल्म की कहानी मुंबई की रहने वाली नैना माथुर (रानी मुखर्जी) की है जो कि टूरेट सिंड्रोम से जूझ रही है. जिसकी वजह से वह रुक-रुककर बातचीत कर पाती है. अच्छी खासी पढ़ाई करने के बावजूद नैना एक टीचर की जॉब करना चाहती है जिसके लिए वह अलग-अलग स्कूल में अप्लाई भी करती है. काफी मुश्किलों के बाद एक स्कूल में उनको टीचर के रुप में रखा जाता है. लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि उस क्लास के 14 बच्चे बहुत ही शरारती हैं और उनकी वजह से कोई भी टीचर ज्यादा दिनों तक उस स्कूल में टिक नहीं पाता. जैसे ही मैंने उन बच्चों की क्लास में जाती है बच्चे उसकी बोलने की स्टाइल का मजाक उड़ाने लगते हैं. पढ़ाई में बिल्कुल मन नहीं लगाते और तरह तरह से नैना माथुर को परेशान करते हैं. ताकि वे स्कूल छोड़कर चली जाए. कहानी में कई ट्विस्ट टर्न्स आते हैं, जिसमें एक पल ऐसा भी आता है जब नैना स्कूल छोड़ने का मन भी बना लेती है. अब क्या नैना स्कूल छोड़कर चली जाएगी या बच्चे सुधर जाएंगे? आखिर में रिजल्ट क्या आता है यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.
जानिए आखिर फिल्म को क्यों देख सकते हैं
फिल्म की कहानी ठीक-ठाक और प्रेडिक्टेबल है लेकिन डायरेक्शन कमाल का है. आर्ट वर्क बढ़िया है और एडिटिंग भी काफी शार्प है. सिनेमेटोग्राफी अच्छी है, लोकेशन बढ़िया है. रानी मुखर्जी ने लगभग 4 साल के बाद स्क्रीन पर वापसी की है लेकिन आज इस तरह से फ्री फ्लो होकर करके उन्होंने अभिनय किया है वह काबिले तारीफ है. उनके इमोशन से आप खुद को जोड़ा हुआ महसूस करते हैं. पहले प्रेम से लेकर के फिल्म के अंत तक आपको रानी मुखर्जी के अभिनय की अलग-अलग बारीकियां देखने को मिलती है.
इसके साथ ही फिल्में सचिन पिलगांवकर, सुप्रिया पिलगांवकर, नीरज कबी भी बढ़िया अभिनय करते हुए नजर आते हैं. वही 14 बच्चों की कास्टिंग में हर्ष मायर और बाकी सभी बच्चे सहज अभिनय करते हुए दिखाई देते हैं. जसलीन रॉयल ने फिल्म का संगीत बढ़िया दिया है और गाने कहानी के संग संग चलते हैं. यह फिल्म यू सर्टिफिकेट के साथ रिलीज हुई है जिसकी वजह से हर उम्र का व्यक्ति इसे देख सकता है.
कमजोर कड़ियां
फिल्म की कमजोर कड़ी इसका स्क्रीनप्ले है क्योंकि अच्छे स्क्रीनप्ले के साथ फिल्म की कहानी और बेहतर दिखाई जा सकती थी. अगर ये सब होता तो फिल्म प्रेडिक्टेबल बनकर सामने नहीं आती. फिल्म में कोई ऐसा सॉन्ग नहीं है जो कि रिलीज से पहले बहुत ही ज्यादा फेमस हो गया हो. अगर कुछ ऐसा होता तो देखने की दिलचस्पी और भी बढ़ सकती थी.
बॉक्स ऑफिस
फिल्म का बजट लगभग 20 करोड़ रुपए बताया जा रहा है. जिसमें से कि 12 करोड़ रुपए प्रोडक्शन कॉस्ट और 8 करोड़ रुपए फिल्म के मार्केटिंग और प्रमोशन में लगाए गए हैं. ज्यादातर फिल्म की शूटिंग स्कूल के कैंपस में ही हुई है. जिसकी वजह से प्रोडक्शन कॉस्ट और कम हो गई है. फिल्म के सैटेलाइट राइट्स सोनी टीवी को और डिजिटल राइट्स एमेजॉन प्राइम को बेचे जा चुके हैं. अब देखना बेहद खास होगा कि फिल्म पहले वीकेंड में कितनी कमाई करती है