शुक्रवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सुंदरनगर के सुकेत सदन में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि थोड़ा सा वक्त दीजिए आप परिवर्तन महसूस करेंगे। प्रधानमंत्री ने बिना मांगे ही हिमाचल को बहुत कुछ दिया है, नहीं तो हालात विकट हो जाते। इस मौके पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, सुंदरनगर विधायक राकेश जम्वाल, नाचन विधायक विनोद कुमार, डीसी मंडी ऋग्वेद, सुंदरनगर भाजयुमो अध्यक्ष मुकेश चंदेल भी मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि आज मनरेगा में काम करने वाला मजदूर अपने बच्चे को सरकारी स्कूल से निकालना चाहता है, क्यों? क्योंकि पूर्व सरकार ने हर जगह शिक्षण संस्थान खोल दिए और शिक्षकों की तैनाती करना भूल गई। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार शिक्षा की गुणवत्ता से कोसों दूर चली गई है, जहां से वापस लौटना सबके सहयोग से ही होगा। सीएम ने कहा कि साढ़े 46 हजार करोड़ रुपये का ऋण पूर्व सरकार छोड़ गई है। इससे बाहर निकलने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में गुणात्मक परिवर्तन किए जाएंगे। एयरपोर्ट के मामले में उन्होंने कहा कि जाहू, घोघड़ा री धार, नेरढांगू में से किसी एक स्थान को चिन्हित किया जाएगा। इसके बाद ही पर्यटन की दृष्टि से निर्णय लिया जाएगा। सीएम ने कहा कि लावारिस पशुओं और स्वच्छता की समीक्षा की जाएगी और जिन्ह ढावों में शौचालय नहीं हैं, उन्हें कड़े निर्देश जारी किए जाएंगे। इसके साथ ही यातायात नियमों की अवहेलना स्वीकार नहीं होगी। उन्होंने पर्यटकों का आह्वान किया कि वे गाडिय़ों से कूड़ा न फेंकें, हिमाचल को साफ रखें।
मुख्यमंत्री ने मंडी जिले के चैलचौक में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के किसानों की आर्थिकी को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास के लिए लोगों को सुझावों के साथ आगे आने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हमें पूरे समर्पण तथा प्रतिबद्धता के साथ कार्य करना चाहिए। सीएम ने कहा कि लोगों को नई सरकार से बड़ी अपेक्षाएं हैं। उन्होंने कहा कि हमें लंबी दूरी तय करने के लिए मजबूती के साथ आगे बढऩा है।
उन्होंने कहा कि बजट में नई योजनाओं की घोषणाओं के लिए पर्याप्त बजट प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित बजट को उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदियों ने भी सराहा है। सीएम जयराम ने कहा कि लोगों को पेयजल प्रदान करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि अभी तक कुल 53604 बस्तियों में से 42522 बस्तियों को पेयजल सुविधा प्रदान करवाई गई है।
सीएम ने कहा कि वर्ष 2018.19 के बजट में जल से कृषि को बल एक नई योजना प्रस्तावित है, जिसके अंतर्गत आगामी पांच सालों में राज्य के किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधाएं प्रदान करने पर 250 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिले से कुछ काबिल व सक्षम नेताओं के बावजूद मुख्यमंत्री न मिल पाना मंडी जिले का दुर्भाग्य रहा है।
मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए कई संगठनों ने अंशदान किया है। लोकमित्र संघ के अध्यक्ष सीता राम चौहान ने 5100 रुपये का अंशदान, नाचन के पूर्व अध्यक्ष गिरधारी लाल ने 5001 रुपये, सांग के प्रधान व उपप्रधान ने 31 हजार रुपये, एसडीएम तथा तहसील कार्यालय कर्मचारियों ने 51000, सीएंडवी एसोसिएशन ने 31000, केंद्रीय मुख्याध्यापकों ने 11000, महिला मंडल धार सरोड़ी ने 31000, हिलवैली ट्रक ऑप्रेटर यूनियन ने 5100 तथा व्यापार मंडल चैलचौक व गोहर ने 22000 रुपये का अंशदान किया।