वासंतिक नवरात्र के नवें दिन भगवान राम का जन्म हुआ था, अतः इसको राम नवमी भी कहते हैं. मध्य दोपहर मैं कर्क लग्न तथा पुनर्वसु नक्षत्र मैं भगवान का जन्म हुआ था.
दोपहर १२.०० से ०१.०० के बीच भगवान राम की पूजा अर्चना करनी चाहिए. श्री रामचरितमानस का पाठ करें या श्री राम के मन्त्रों का जाप करें. जिन महिलाओं को संतान प्राप्ति में बाधा आ रही हो, ऐसी महिलाएं आज के दिन भगवान राम के बाल रूप की आराधना जरूर करेंगी
मध्य दोपहर में श्रीराम की उपासना करें. उन्हें पीले फल , पीले फूल और पंचामृत अर्पित करें.तुलसी दल भी जरूर अर्पित करें.इसके बाद “ॐ राम रामाय नमः” का जाप करें.रामचरितमानस के बालकाण्ड का पाठ करना भी उत्तम होगा.आज के दिन नवरात्रि की पूर्णता के लिए हवन भी किया जाता है.
नवमी के दिन पहले पूजा करें, फिर हवन करें.
हवन सामग्री में जौ और काला तिल मिलाएं.
कन्या पूजन के बाद सम्पूर्ण भोजन का दान करें.
आर्थिक लाभ के लिए मखाने और खीर से हवन करें.
कर्ज मुक्ति के लिए राई से हवन करें.
संतान सम्बन्धी समस्याओं के लिए माखन मिसरी से हवन करें.
ग्रह शान्ति के लिए काले तिल से हवन करें.
सर्वकल्याण के लिए काले तिल और जौ से हवन करें.