ऊना। केंद्र सरकार की ओर से बिजली एक्ट में संशोधन के लिए संसद में पेश किए जा रहे विधेयक के विरोध में देशभर में हजारों कर्मचारी और इंजीनियर तीन अप्रैल को संसद भवन दिल्ली में धरना-प्रदर्शन करेंगे। इसमें हिमाचल बिजली बोर्ड के कर्मचारी व अभियंता भी सम्मलित होंगे। अखिल भारतीय पॉवर डिप्लोमा इंजीनियर फेडरेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं हिमाचल बिजली बोर्ड डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डीएस ढटवालिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष आरडी अग्निहोत्री, उपाध्यक्ष एसके चड्ढा, महासचिव सतीश धीमान, अतिरिक्त महासचिव केएस गुलेरिया, प्रेस सचिव मनोहर लाल ने दिल्ली प्रस्थान कर बताया कि केंद्र सरकार बिजली क्षेत्र के निजीकरण को बिजली एक्ट के संशोधन के लिए विधेयक पेश करने जा रही है।
इससे शहरी और औद्योगिक क्षेत्रों की बिजली व्यवस्था निजी कंपनियों के हवाले करने की योजना बनाई है। कई दशकों की मेहनत से बिजली का विशाल नेटवर्क खड़ा करने वाले सार्वजनिक बिजली उपक्रमों को तहस-नसह करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने बताया कि शहरी और औद्योगिक क्षेत्रों के चुनिंदा निजीकरण से न केवल निजी घरानों को लाभान्वित किया जाएगा बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की 70 प्रतिशत गरीब जनता को 24 घंटे बिजली पहुंचाने के प्रयासों की भी धक्का लगेगा। उन्होंने कहा कि संसद भवन पर धरना-प्रदर्शन के बाद भी यदि सरकार संशोधन विधेयक पेश करती है तो समूचे देश के बिजली कर्मचारी और इंजीनियर नेशनल को-ऑर्डिनेशन कमेटी के आह्वान पर वर्क बॉयकाट और एक दिन की सांकेतिक हड़ताल कर संघर्ष को मजबूर होंगे।