समाज सुधारक एवं स्वतंत्रता सेनानी कमलादेवी चट्टोपाध्याय को सर्च इंजन गूगल ने उनकी जयंती पर डूडल बना श्रद्धांजलि दी। तीन अप्रैल 1903 में जन्मी कमलादेवी का आज 115वां जन्मदिन है। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान को आज भी याद किया जाता है। स्वतंत्र भारत में भारतीय हस्तशिल्प, हथकरघा और रंगमंच के पुनर्जागरण और सहकारी आंदोलन चलाकार भारतीय महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए भी उन्होंने कई कार्य किए।
यह उनकी पारखी नजर का ही नतीजा है कि आज भारत में राष्ट्रीय नाट्य अकादमी, संगीत नाटक अकादमी, केन्द्रीय कुटीर उद्योग बिक्री भंडार, भारतीय शिल्प परिषद जैसे कई सांस्कृतिक संस्थान मौजूद हैं। गूगल द्वारा बनाए डूडल में उम्रदराज कमलादेवी बालों में फूल लगाए नजर आ रही है और उनके आस-पास कई वादक विभिन्न तरह के यंत्र बजा रहे हैं, कई नृतक नृतकियां हैं जो लोक नृत्य कर रहे हैं और कुछ महिलाएं हस्तकला और हथकरघा से जुड़े काम में व्यस्त नजर आ रही हैं।
कमलादेवी चट्टोपाध्याय को भारत के उच्च सम्मान पद्म भूषण (1955), पद्म विभूषण (1987) से भी सम्मानित किया गया था। वर्ष 1966 में उन्हें एशियाई हस्तियों एवं संस्थाओं को उनके अपने क्षेत्र में विशेष रूप से उल्लेखनीय कार्य करने के लिये दिया जाने वाला ‘रेमन मैगसेसे पुरस्कार भी प्रदान किया गया। उन्होंने ‘द अवेकिंग ऑफ इंडियन वुमन ‘जापान इट्स विकनेस एंड स्ट्रेन्थ, ‘अंकल सैम एम्पायर, ‘इन वार-टॉर्न चाइना और ‘टुवर्ड्स ए नेशनल थिएटर जैसी कई किताबें भी लिखीं। उनका 29 अक्तूबर 1988 को 85 साल की उम्र में निधन हो गया था।