जयराम कैबिनेट ने हजारों शिक्षकों को बड़ा तोहफा दिया है। साथ ही शिक्षा और खेल को लेकर भी बड़े फैसले लिए हैं। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) के तहत नियुक्त 2630 शिक्षकों को जयराम सरकार ने एक साल का सेवा विस्तार दिया है।
सोमवार को विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में शिक्षकों को सेवा विस्तार देने को मंजूरी दी गई। बैठक में एसएमसी शिक्षकों के लिए नीति बनाने को लेकर चर्चा हुई। हालांकि, इस पर कोई फैसला नहीं हुआ। लाहौल-स्पीति, पांगी, भरमौर, किन्नौर सहित कुल्लू, शिमला, मंडी, कांगड़ा और सिरमौर जिले में स्थित 108 स्कूल सिर्फ एसएमसी शिक्षकों के सहारे चल रहे हैं। इसके अलावा दूरदराज क्षेत्रों में स्थित स्कूलों में एसएमसी शिक्षकों को तैनात किया गया है।
साल 2012 में प्रदेश के दूरदराज और जनजातीय क्षेत्रों में स्थित ऐसे सरकारी स्कूलों में एसएमसी शिक्षकों को तैनात किया गया, जहां नियमित शिक्षक सेवाएं देने से परहेज करते थे। पूर्व सरकार इन शिक्षकों को एक-एक साल का सेवा विस्तार देती आई है। शीतकालीन स्कूलों में नियुक्त शिक्षकों का 31 दिसंबर और ग्रीष्मकालीन स्कूलों के शिक्षकों का 31 मार्च को सेवाविस्तार समाप्त हो गया था। एसएमसी आधार पर 150 जेबीटी, 991 सीएंडवी, 599 टीजीटी, 771 पीजीटी और 110 डीपीई शिक्षक प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में कार्यरत हैं।
टीजीटी और पीजीटी को सरकार साढ़े 11 हजार रुपये, सीएंडवी को 8400 रुपये और जेबीटी को छह हजार रुपये मानदेय मिलता है। उधर, एसएमसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल पितान और महासचिव मनोज रौंगटा ने सेवा विस्तार देने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज और कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा का आभार जताया है।प्रदेश में स्थापित किए जाने वाले पहले क्लस्टर विश्वविद्यालय पर 55 करोड़ खर्च किए जाएंगे। क्लस्टर विवि के तहत चार कॉलेजों मंडी, सुंदरनगर, द्र्रंग और बासा को शामिल किया गया है। मंडी कॉलेज को लीड कॉलेज बनाया है।
केंद्र सरकार ने रूसा के तहत हिमाचल के लिए एक क्लस्टर विवि मंजूर करते हुए 27 करोड़ की पहली किस्त जारी कर दी है। इन चार कॉलेजों में विभिन्न नए कोर्स शुरू किए जाना प्रस्तावित है। बीते डेढ़ साल से फाइलों में बन रहे क्लस्टर विवि को शिक्षा विभाग ने अपने सौ दिनों के एजेंडे में शामिल किया है।
क्लस्टर विवि मंडी में अलग से उपकुलपति और रजिस्ट्रार की नियुक्ति की जाएगी। इनके लिए ड्राफ्ट में अलग से नियमों के प्रावधान किए गए हैं। इसके अलावा शिक्षकों की भर्ती की नियम भी ड्राफ्ट में तय किए गए हैं। विश्वविद्यालय के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट और गवर्निंग बॉडी का गठन किस प्रकार किया जाएगा। इसका उल्लेख भी ड्राफ्ट में किया गया है। मंडी में स्थापित होने वाला क्लस्टर विवि भविष्य में जम्मू और कश्मीर की तर्ज पर अन्य कॉलेजों को भी संबद्धता देगा।
जेएंडके के क्लस्टर विवि में कई कॉलेजों को शामिल किया गया है। हिमाचल में अभी क्लस्टर विवि के तहत सिर्फ चार कॉलेज लिए गए हैं। भविष्य में विवि के दायरे को बढ़ाया जाएगा।अनुराग ठाकुर की अध्यक्षता वाली एचपीसीए पर सरकार का नियंत्रण नहीं होगा। सीएम जयराम ठाकुर की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने खेल विधेयक वापस लेने पर फैसला ले लिया। मंगलवार को सदन मेें खेल मंत्री गोविंद ठाकुर प्रस्ताव पेश करेंगे कि इस विधेयक को वापस लिया जाए। इ
स पर विपक्ष हंगामा कर सकता है। कैबिनेट बैठक में ये प्रस्ताव ले लिया गया कि वीरभद्र सरकार के समय में पारित किए गए खेल बिल को वापसी के लिए सदन में रखा जाएगा।
खेल मंत्री हिमाचल प्रदेश खेल (संगमों का रजिस्ट्रीकरण, मान्यता और विनियमन) विधेयक 2015 को वापस लेने का प्रस्ताव सदन में रखेंगे। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान विपक्षी दल भाजपा के विरोध के बावजूद प्रदेश विधानसभा ने अप्रैल, 2015 में खेल विधेयक पारित किया था।
विधेयक के दायरे में हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एचपीसीए) सहित 42 खेल संगठनों को लाया गया। विधानसभा में पारित करने के बाद विधेयक राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा गया। तत्कालीन राज्यपाल कल्याण सिंह ने इस विधेयक पर न तो हस्ताक्षर किए और न ही इसे सरकार को लौटाया।
जब आचार्य देवव्रत ने प्रदेश के राज्यपाल का कार्यभार संभाला तो पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने उनसे भी कई इस विधेयक को पारित करने या फिर सरकार को लौटाने को कहा। ये अभी तक राजभवन में लंबित है। सरकार ने विभिन्न विभागों की तर्ज पर वन विभाग में भी वन एवं पर्यावरण के लिए अच्छा कार्य करने वाले कर्मचारियों और आम लोगों के लिए इनामी योजना शुरू की है।
गार्ड से लेकर डीसीएफ तक के फील्ड स्टाफ को नर्सरी से लेकर पौधरोपण, आग से निपटने जैसे विभिन्न तरह के कार्यों को साल भर कुशलता पूर्वक करने पर इनाम दिया जाएगा। स्कूलों और सामाजिक संगठनों को भी वन संपदा बचाने, बढ़ाने जैसे कार्यों को करने पर एक लाख रुपये तक इनाम दिया जाएगा।
सोमवार को कैबिनेट बैठक में इसे हरी झंडी दी गई। यह पहली बार है जब वन विभाग में इस तरह की इनामी योजना वन कर्मियों के लिए शुरू की गई है। अब कैबिनेट से मंजूरी के बाद साल भर अच्छा काम करने वाले कर्मचारियों का चयन एक कमेटी करेगी, जिसकी सिफारिश पर साल के अंत में सरकार इनाम देगी।बागबानी विभाग में एचडीओ के 70 रिक्त पद भरे जाएंगे
आबकारी विभाग में ईटीआई के 10 रिक्त पद भरे जाएंगे
आयुर्वेद में विभिन्न श्रेणियों के 50 पदों पर होगी भर्ती
शिमला नगरीय क्षेत्र में 103 पेड़ काटने को दी मंजूरी
दाड़लाघाट में कोषागार खोलने को दी स्वीकृति
वन विभाग में उत्कृष्ट कार्य के लिए ईनामी योजनाएं