पुराने लोगो की अगर बात करें, तो आज भी उनकी बातें बड़ी काम की है। वहीं अगर महान अर्थशास्त्री चाणक्य की बात करें, तो आज भी लोग इन्हे याद करते है। इनकी नीति आज भी लोगो के काम आती है। अगर मानव जीवन चाणक्य की नीतियों को अपनाता है, तो उसका जीवन परेशानियों से मुक्त हो जाएगा। इन्ही सब बातों को ध्यान में रखते हुए, आज हम आपसे चाणक्य नीति की मुख्य पांच बातों पर चर्चा करने वाले हैं, जिसे जानकर आप भी इन नीतियों को अपने जीवन में अपना सकते हैं और कई लाभ उठा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं चाणक्य की उन नीतियों के बारे में..
आज की भाषा में श्रृंगार को फैशन कहते हैं। युवाओं, विद्यार्थियों को हमेशा सादा जीवनशैली अपनाना चाहिए। साफ-सुथरे रहें, लेकिन अतिरिक्त सजने सवंरने और श्रृंगार करने वाले युवाओं का मन अध्ययन से भटकता है। इसलिए चाणक्य का मानना है कि युवाओं को इन कामों से दूरी बनाकर रखना चाहिए।
अच्छी सेहत के लिए अच्छी नींद की आवश्यकता होती है, लेकिन युवा वर्ग अगर नींद से ही प्रेम करने लगे, तो उनमें आलस्य की मात्रा बढ़ जाती है और समय भी उनके पास कम बचता है। चाणक्य की चेतावनी है- सोने में जीवन को खोना नहीं चाहिए।
अध्ययनरत युवाओं को कामवासना से दूर रहना चाहिए। जब युवा इन बातों में उलझता है, तो अपना पूरा ध्यान अध्ययन व सेहत पर नहीं दे पाता है। कामवासना से वह निष्क्रिय हो जाता है। जबकि यह उम्र सीखने और सक्रिय रहने की होती है।
युवावस्था के छात्र जीवन को तपस्वी की तरह माना गया है। चाणक्य कहते हैं- युवा छात्र को स्वादिष्ट भोजन की लालसा छोड़ देना चाहिए और पौष्टिक और संतुलित आहार लेना चाहिए।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि क्रोध हर इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। क्रोध में आते ही व्यक्ति की सोचने-समझने की शक्ति नष्ट हो जाती है। क्रोध से युवाओं को हमेशा बचना चाहिए।