हिमाचल विधानसभा सदन में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर केजवाब में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। अफसरों और कर्मचारियों के तबादलों पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। तबादलों से संबंधित एक प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि बीते पांच वर्ष में वीरभद्र सरकार ने 1 लाख 23 हजार 652 तबादले किए।
जो रिकार्ड है। मौजूदा सरकार ने 15 फरवरी तक मात्र 2177 स्थानांतरण किए। इस पर कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री की अगुवाई में विपक्ष ने सरकार पर हल्ला बोल दिया। मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन में ही सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार विकास कार्य करवाने के बजाय तबादलों में व्यस्त है। कर्मचारियों और अफसरों को ताश के पत्तों की तरह फेंटा जा रहा है। सरकार बदले की भावना से काम कर रही है।
विपक्ष के इन आरोपों के बाद मुख्यमंत्री ने भी कांग्रेस विधायकों को खरी-खरी सुनाई। मुख्यमंत्री ने कहा, विपक्ष झूठी आशंका से ग्रस्त है। जब कांग्रेस सत्ता में आई तो 3 महीने में ही 6876 तबादले कर दिए। इस पर मुकेश बोले- सीएम के बयान से यह साफ लग रहा है कि सरकार पर तबादलों को लेकर कितना दबाव है। हंगामे के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि तबादला साधारण प्रक्रिया है। यह पूर्व में भी होता रहा है। अभी भी हो रहा है। यह भी देखने में आया है कि तबादलों से ही विधायकों को आंका जाता है।
सत्ता पक्ष और विपक्ष को मिलकर तबादलों पर अंकुश लगाना होगा। कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जनता विधायक की ताकत को तबादलों से आंकती है। विधायक कितने समय में तबादला करवा देता है। इससे उनकी शक्ति का पता लगाते हैं। विधायक हर्षवर्धन ने अनुपूरक प्रश्न में पूछा कि क्या सरकार तबादलों पर अंकुश लगाने को कोई एक्ट लाएगी या इसके पीछे उनकी कोई मंशा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस पर चुप्पी साधे रखी।