आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर वाईएसआर कांग्रेस के 5 सांसदों ने लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को इस्तीफा सौंप दिया। हालांकि इसे अभी स्वीकार नहीं किया गया है। सत्ताधारी तेलगुदेशम पार्टी (टीडीपी) और विपक्षी दल वायएसआर कांग्रेस आंध्र के विशेष दर्जे की मांग को लेकर संसद के बाहर लगातार प्रदर्शन कर रही हैं। दोनों पार्टियां सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भी दे चुकी हैं। शुक्रवार को बजट सत्र के दूसरे चरण के आखिरी दिन राज्यसभा और लोकसभा कार्रवाई अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गई।
वाईएसआर कांग्रेस ने सोमवार को कहा था कि राज्य को विशेष दर्जा नहीं मिलता तो वे सत्र के आखिरी दिन इस्तीफा दे देंगे। बीजेपी सांसदों ने संसद में कांग्रेस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह ने कहा कि पूरा सत्र बर्बाद हो गया। देश के लोगों को ये पसंद नहीं है। हम मुट्ठी भर लोगों की वजह से जनता की अपेक्षाओं पर असफल रहे।
आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर गुरुवार को टीडीपी सांसद सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही धरने पर बैठ गए थे। राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद टीडीपी सांसदों ने सदन से बाहर निकलने से मना कर दिया। तब उन्हें मार्शल की मदद से बाहर निकाला गया। धरने पर बैठे सांसद एमपी थोटा सीतारामा लक्ष्मी और सीएम रमेश का मेडिकल चेकअप कराना पड़ा था। सांसद मुत्तमशेट्टी राव को हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ा था।
बजट सत्र के दूसरे चरण में अब तक टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस ने राज्य को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
– नीरव मोदी, बैंक घोटालों, एसएससी परीक्षा, सीबीएसई पेपर लीक, फेसबुक डेटा चोरी, अविश्वास प्रस्ताव, कावेरी जल विवाद पर भी संसद में खूब हंगामा हुआ।
आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा न देने से खफा टीडीपी ने मार्च में एनडीए से अपना गठबंधन तोड़ लिया था। वह सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रही है। उसने टीडीपी ने 19 मार्च को संसद में केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया था। हालांकि, सदन में हंगामे की वजह से इस पर विचार नहीं हुआ।
वित्त मंत्री जेटली ने कहा था कि 14वें वित्त आयोग के बाद अब यह दर्जा नॉर्थ-ईस्ट और पहाड़ी राज्यों के अलावा किसी और को नहीं मिल सकता है। आंध्र पोलवरम योजना और अमरावती के लिए 33-33 हजार करोड़ रुपए मांग रहा है। केंद्र का कहना है कि पोलवरम के लिए 5 हजार करोड़ और अमरावती के लिए ढाई हजार करोड़ रुपए दे चुका है। इसमें गुंटूर, विजयवाड़ा के लिए 500-500 करोड़ रुपए शामिल हैं।