ऊना। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने वीरवार को बचत भवन ऊना में पंचायतीराज प्रतिनिधियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला की अध्यक्षता जिला पंचायत अधिकारी ऊना रमन कुमार शर्मा ने की। रमन कुमार शर्मा ने बताया कि आपदाएं प्राकृतिक और मानव निर्मित होती हैं। उन्होंने बताया कि आपदाओं के आने का कोई समय व स्थान निर्धारित नहीं होता है।
उन्होंने बताया कि कागड़ा में 1905 और किन्नौर में 1975 में आए भूकंप से काफी जानमाल का नुकसान झेलना पड़ा था। ऐसे में भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से बचने और तुरंत राहत व बचाव कार्य शुरू करने के लिए पंचायत स्तर पर आपदा बचाव समितियों/उप समितियों का गठन किया गया है। कार्यशाला में समन्वयक अपूर्वा मारिया ने कहा कि हिमाचल भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील है और भूकंप की कोई भविष्यवाणी नहीं की जा सकती।
उन्होंने बताया कि हिमाचल जोन 4 और 5 में होने से भविष्य में किसी बडे़ भूकंप की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है। ऊना भूकंप के साथ-साथ बाढ़ व सूखे की दृष्टि से भी संवेदनशील है। उन्होंने पंचायतीराज प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे आपदा प्रबंधन समितियों से समय-समय पर ग्रामीणों से मिलकर आपदा से बचाव का अभ्यास करने का आह्वान किया। कार्यशाला में जीवीके-इएमआरआई 108 के गणेश कुमार ने आपदा प्रभावित लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य उपचार की जानकारी दी। बीडीओ ऊना राज कुमार सहित पंचायतों के प्रतिनिधि मौजूद थे।