ऊना: कार्यकर्ताओं की ताकत के बल पर आज भाजपा विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक संगठन है। यह बात प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने पार्टी के 38वें स्थापना दिवस पर मैहतपुर व ऊना में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि आज स्थापना दिवस पर हमें कार्यकर्ताओं की मेहनत को याद करना है, जिन्होंने पार्टी के लिए खून-पसीना एक कर धीरे-धीरे संगठन के विचार को आगे बढ़ाया। आज हम विश्व में बड़ा दल बन कर उभरे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के विचार व नींव मजबूत को आगे बढ़ाने में भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टीम ने वर्तमान में अहम योगदान दिया है, जिसे अब हम सबको 2019 में भी आगे बढ़ाना है।
सत्ती ने कहा कि हिमाचल की जनता ने भी भाजपा को जनादेश दिया है और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेश सरकार बेहतरीन फैसले लेकर आगे बढ़ रही है। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष बालवीर बग्गा, सागर दास भारद्वाज, मंडल अध्यक्ष रमेश भडोलियां, मंडल के प्रभारी विजय चौधरी, डॉ. रामपाल सैणी, सुरजीत सैणी, नवीन पूरी, विनय, खामोश, राकेश ठाकुर, अवतार गुगी, शिव मेहन, अशोक धीमान, अशोक सैणी, विक्की सैणी, चंदन खुराना, मुनीष, मोहित बेदी, राजेश कुमार, पवन कपिला, गुरचरण सिंह, वरुण मेहन, साहिल दत्ता, विकास शर्मा, रवि जैलदार, सुरेंद्र मोहन, ओम प्रकाश काकू, मंजू चंदेल, दविंद्र कौशल, विपन राणा, पवन कुमा, सतीश कुमार, विवेक भारद्वाज, हरपाल, अरविंद, बलराम चंदेल, अजय सैणी, दया सिंह, दीदार सिंह, संतोष ठाकुर, अमृत सरिया, रितिका भारद्वाज, संतोष छावड़ा, रंजना, अंजू देवी, आशा रानी,
शिमला। भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को प्रदेश के सभी बूथों पर पार्टी का 38वां स्थापना दिवस मनाया। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष गणेश दत्त ने बताया कि प्रदेश के हर बूथ पर झंडा दिवस के रूप में मनाया गया। उन्होंने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी पार्टी का गौरव प्राप्त करने वाली पार्टी के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने प्रथम अध्यक्षीय भाषण में कहा था कि अंधेरा छंटेगा, सूरज निकलेगा, कमल खिलेगा।
वास्तव में अटल का वह वाक्य ब्रह्म वाक्य साबित हुआ, जिसमें आज पार्टी 11 करोड़ सदस्यों के साथ विश्व की नंबर एक पार्टी है। इसके साथ ही पूर्ण बहुमत के साथ देश की सत्ता चला रही है। गणेश दत्त ने कहा कि पार्टी सत्ता के सहारे सेवा को अपना मूल मंत्र मानती है और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के मूल सिद्धांत समाज का अंतिम व्यक्ति पार्टी के लिए सर्वोपरी है। उसकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सरकार की नीतियां बन रही हैं।