मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े सामाजिक लांछन को समाज से समाप्त करना इस रोग से जुड़ी बड़ी चुनौती है जिसके लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को अपना योगदान देना होगा। यह बात मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर ने आज परफोर्मेंस ग्रुप ऑफ आर्ट्स सोसायटी द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हिमाचल प्रदेश के सहयोग से गेयटी थियेटर में आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर कही।
उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि संस्था मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों के कल्याण के प्रति मिशनरी उत्साह के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि कई बार जब अपने परिवार के सदस्य भी मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों के पुनर्वास से बचने लगते हैं तब कोई व्यक्ति, कोई संस्था उनके पुनर्वास के लिए आगे आती है ताकि ये लोग सामान्य जीवन जी सकें।
संस्था द्वारा प्रदान की जा रही परोपकारी सेवाओं की प्रशंसा करते हुए श्री जय राम ठाकुर ने कहा कि मानसिक रोग से जुड़े सामाजिक लांछन की वजह से लोग प्रारम्भिक अवस्था में इस बीमारी को छुपाते हैं जिससे स्थिति और विकट हो जाती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस तरह के लोगों के ईलाज और पुनर्वास के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मानसिक स्वास्थ्य और पुनर्वास केन्द्र शिमला में रह रही उत्तर प्रदेश के अमेठी और कर्नाटक से संबंध रखने वाली दो महिलाओं का पुनर्वास करने और सौंपने का मामला उचित स्तर पर उठाएगी।
श्री जय राम ठाकुर ने कहा कि कभी-कभी मानसिक रोग के पुनर्वास में सबसे बड़ी बाधा उनके ही स्वजनों द्वारा उन्हें स्वीकार न किया जाना है। उन्होंने कहा कि सरकार मानसिक स्वास्थ्य और पुनर्वास केन्द्र शिमला के विस्तार और सुदृढ़ीकरण पर भी विचार करेगी ताकि जरूरतमंद व्यक्तियों को आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल और पुनर्वास सेवाएं उपलब्ध करवाई जा सकें।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्मारिका का भी विमोचन किया।
संस्था की अध्यक्ष डॉ. सुनीला शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि रचनात्मक कार्यशाला ‘प्रयास’ को इस तरह रचा गया है ताकि विशेष सक्षम व्यक्तियों को जिन्हें समाज ने छोड़ दिया है उन्हें अपनी सृजनशिलता दिखाने और खुद को जानने का अवसर मिल सके। उन्होंने कहा कि संस्था विशेष सक्षम व्यक्तियों के समुचित उपचार और पुनर्वास के प्रति प्रतिबद्ध है।
इस अवसर पर चित्रकला, हस्तकला तथा पुनर्नवीनीकरण सामग्री के उत्पादों से जुड़ी प्रदर्शनी भी लगाई गई।
इस अवसर पर शिवालिक नर्सिंग कॉलेज शिमला की छात्राओं तथा विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए।