मुख्य तकनीकी परीक्षक सतर्कता संगठन ने करवाया वरिष्ठों को अवगत
मुख्य तकनीकी परीक्षक सतर्कता संगठन ने भवन निर्माण में एक्सपांशन ज्वाइंट की फिलिंग करने और आरसीसी कॉलम की कास्टिंग के समय अधिकतम लिफ्ट 1.5 मीटर तक सीमित रखने के निर्देश निर्माण एजेन्सियों को दिये हैं। इस संबंध में मुख्य तकनीकी परीक्षक श्री आर. के. मेहरा ने एक परिपत्र के माध्यम से गृह, वन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव तथा ऊर्जा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, नगरीय विकास एवं आवास, लोक निर्माण और लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव को अवगत करवाया है। साथ ही दोनों तकनीकी बिन्दुओं पर मैदानी अमलों को मापदंडों का पालन सुनिश्चित करने के लिये निर्देशित करने का अनुरोध किया है।
संगठन द्वारा विभिन्न निर्माण विभागों के भवन निर्माण कार्यो के निरीक्षण के दौरान सामान्यत: पाया गया है कि मैदानी अधिकारियों द्वारा मापदंडों के विपरीत भवनों में एक्सपांशन ज्वाइंट की फिलिंग थर्मोकोल से की जा रही है, जबकि यह कार्य सी.पी.डब्ल्यू.डी. के मापदंडों के अनुसार होना चाहिये। इसी प्रकार बीआईएस कोड 456-2000 के प्रावधानों के विपरीत आरसीसी कॉलम्स की कास्टिंग 2 से 2.5 मीटर की लिफ्ट में एक साथ की जा रही है। आरसीसी कॉलम्स की लिफ्ट 1.5 मीटर से अधिक करने पर आरसीसी कॉलम्स में कांक्रीट मिक्स का सेग्रीगेशन हो जाता है। परिणामस्वरूप निरीक्षण के दौरान अधिकांश कॉलम के सबसे निचले हिस्से में हनिकाम्ब पाया गया है। अनेक भवन निर्माण कार्यो में कॉलम के निचले हिस्से की गिट्टी हथौड़े की हल्की चोट से निकल जाती है। ऐसा करने से निश्चित ही आरसीसी कॉलम्स को वांछित स्ट्रेंथ प्राप्त नहीं की जा सकती है।