तीसरी जनरेशन स्विफ्ट को गुजरात के हसलपुर में स्थित मारुति सुजुकी प्लांट में बनाया जा रहा है. सुजुकी ने अपनी तीसरी जनरेशन स्विफ्ट का पहला लॉट मुंबई पोर्ट से साउथ अफ्रीका के लिए भेज दिया गया है. इसी के साथ सुजुकी ने अपनी तीसरी जनरेशन स्विफ्ट का भारत से निर्यात करना शुरू कर दिया है. कंपनी ने इसके साथ ही कंपनी को इस बात को लेकर भी विश्वास है कि जल्द ही इसे दूसरे देशों में भी निर्यात किया जाएगा. स्विफ्ट के अलावा कार निर्माता कंपनी गुजरात प्लांट में बलेनो को भी बना रही है.
हालांकि, वेटिंग पीरियड बढ़ने के चलते मानेसर प्लांट में भी सुजुकी ने हाल ही में बलेनो को उत्पादन शुरू किया है और बलेनो का काफी हिस्सा गुजरात से मानेसर शिफ्ट कर दिया गया है. यही एक कारण है जिसके चलते गुजरात प्लांट में स्विफ्ट के उत्पादन पर फोकस किया जा रहा है ताकि इसका निर्यात और घरेलू बाजार में बिक्री की जा सके.
कंपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन की सहायक है. वहीं, दूसरी जनरेशन मॉडल को हरयाणा के मानेसर में मौजूद मारुति सुजुकी प्लांट में बनाया जा रहा था. नई स्विफ्ट कंपनी का पहला मॉडल है जो गुजरात प्लांट से निर्यात किया जा रहा है. इसके अलावा सब-4 मीटर सेडान को भी साउथ अफ्रीका और चिली में निर्यात किया जा रहा है, लेकिन कंपनी डिजायर को मानेसर प्लांट में ही बनाती है.
2018 स्विफ्ट का भारतीय बाजार में करीब 16 हफ्तों का वेटिंग पीरियड चल रहा है. प्लांट की सालाना क्षमता 2.5 लाख कारों की है और हर महीने इसकी 15,000 से 20,000 यूनिट्स की बिक्री हो रही है. मार्च 2018 में मारुति सुजुकी ने नई स्विफ्ट की 19,207 यूनिट्स की बिक्री की है.