ऊना। देशव्यापी भारत बंद पर सवर्णों ने हुंकार भरते हुए बंद का समर्थन किया और सड़क तक आकर सुप्रीम कोर्ट के उस निर्णय का पुरजोर समर्थन किया, जिसमें एससी/एसटी एक्ट में बदलाव की बात कही गई है। सवर्ण जातियों के विभिन्न संगठनों ने एक सुर में इस एक्ट का न केवल खुला समर्थन किया, बल्कि देश में आरक्षण के नाम पर चल रही सियासत को बंद करके आरक्षण को बंद करने तक की मांग उठाई है। शिवसेना हिंद, अखिल भारतीय ब्राह्मण तथा क्षत्रिय महासभा के पदाधिकारियों और सदस्यों के साथ श्री परशुराम सेना के सदस्यों, ओबीसी से जुड़े लोगों ने मंगलवार को अपनी एकजुटता का एक ट्रेलर दिखाते हुए भारत माता जय के नारे लगाए। शिवसेना हिंद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवदत्त वशिष्ठ ने कहा कि वोट बैंक की खातिर समाज का आपस में बांटने का काम करने वाले सियासी नेताओं को सावधान हो जाना चाहिए, क्योंकि सवर्ण जाति की युवा पीढ़ी अब जाग गई है। युवा पीढ़ी अब सियासी दलों के बहकावे में नहीं आने वाली। अखिल भारतीय ब्राह्मण सभा के पूर्व प्रदेश महासचिव पंडित शिव किशोर वासुदेव ने कहा कि हम दलित विरोधी कतई नहीं हैं, लेकिन हम आरक्षण को आर्थिक आधार पर लागू किए जाने के पक्षधर हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग हमारे दलित युवाओं को गुमराह करने का काम करके समाज में आपसी सद्भाव को बिगाड़ना चाहते हैं, उन्हें अपनी सोच को बदलना होगा, ताकि समाज के प्रत्येक निर्धन को लाभ मिल सके। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के प्रधान भूपेंद्र राणा ने कहा कि सवर्णों की युवा पीढ़ी से हर क्षेत्र में भेदभाव हो रहा है। नौकरी के लिए आवेदन फार्मों की फीस से लेकर कर्मियों की पदोन्नति तक अन्याय किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अपने हक के लिए लोकतंत्र में आवाज उठाने का सबको अधिकार है, लिहाजा हम एससी/एसटी एक्ट में बदलाव के निर्णय के समर्थन से लेकर आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग करते हैं। भविष्य में भी हम सवर्णों के हक हर कुर्बानी के लिए सदैव तत्पर रहेंगे।