प्रधानमंत्री ने कहा कि मई 2014 तक कुल 118 निर्यात अनुमति दी गई थी, जिसकी कुल कीमत 57.7 करोड़ डॉलर थी। चार साल से भी कम समय में हमने निर्यात की और 794 अनुमति दी है, जिसकी कुल कीमत 1.3 अरब डॉलर से भी ज्यादा हैउन्होंने कहा , ‘‘एक वक्त था जब रक्षा तैयारियों का महत्वपूर्ण मसला नीतिगत जड़ता के कारण प्रभावित होता था। हमने देखा है कि ऐसा आलस्य, अक्षमता और संभवत: कुछ छुपे हुए स्वार्थ किस प्रकार से देश को नुकसान पहुंचा सकते हैं। लेकिन अब नहीं, अब बिलकुल नहीं, कभी भी नहीं। ’’
प्रधानमंत्री ने रद्द किए गए एमएमआरसीए सौदे का अप्रत्यक्ष हवाला देते हुए कहा कि किसी ठोस परिणाम के बगैर हम 10 वर्ष चर्चा में नहीं लगाना चाहते हैं।पीएम मोदी के आगमन पर तमिजहगा वाजिरूमीई कछी (TVK) ने अलंदुर इलाके में हवाई अड्डे के पास काले झंडे लेकर विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था। जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया। दरअसल, ये लोग कावेरी मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
डिफेंस एक्सपो 2018 भारत की कई रक्षा प्रणालियों और इसके उपकरणों के निर्माण जिसमें थल सेना, वायुसेना और नौसेना के लिए निर्माण और निर्यात की क्षमता पर केंद्रित है। इस प्रदर्शनी में 517 भारतीय और 154 अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने अपने स्टाल लगाए हैं। प्रदर्शनी में हिस्सा ले रही भारतीय कंपनियों में टाटा, L and T, भारत फोर्ज, महिंद्रा, MKU, DRDO, HAL, BEL, BDL, BEML, MDL, GRSE, GSL, HSL, मिधानी और आयुध निर्माणी ने स्टाल लगाए हैं।
वहीं, अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में लोच्खीद मार्टिन, अमेरिका की बोइंग, स्वीडन की साब, एयर बस, फ्रांस की राफेल, रूस की यूनाइटेड शिप बिल्डिंग, ब्रिटेन की बीएई सिस्टम्स, इजराइल की सिबत, फिनलैंड की वार्त्सिला और जर्मनी की होर्डे एंड स्च्वार्ज ने यहां अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए स्टाल लगाए हैं।