अक्षय तृतीया का हिंदू धर्मा में खास महत्व है. इसे आखा तीज भी कहा जाता है. हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया कहा जाता है. इस बार अक्षय तृतीया 18 अप्रैल को है और इस दिन आप कई शुभ कार्य कर सकते हैं. इस बार सूर्योदय पूर्व से लेकर रात्रि में 3:03 बजे तक अक्षय तृतीया रहेगी. वैसे तो कहा जाता है कि हर महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीय शुभ होती है, लेकिन अक्षय तृतीया का खास महत्व है.
अक्षय का शाब्दिक अर्थ है जिसका कभी क्षय ना हो अर्थात जो स्थाई बना रहे. स्थाई वहीं रह सकता जो सर्वदा सत्य है. यह बातें निश्चित रूप से कही जा सकती है कि सत्य केवल परमात्मा ही है जो अक्षय, अखंड और व्यापक है. यह अक्षय तृतीया तिथि ईश्वर तिथि है. यह अक्षय तिथि परशुराम जी का जन्मदिन होने के कारण परशुराम तिथि भी कही जाती है.
इस दिन होता है ग्रहों को शुभ संयोग
– इस दिन ग्रहों का विशेष संयोग बनता है.
– सूर्य और चंद्रमा अपनी उच्च राशि में होते है.
– साल में सिर्फ एक दिन ये संयोग बनता है.
– सूर्य, मेष में होता है और चंद्रमा वृषभ में होता है.
– शास्त्रों में सूर्य को हमारा प्राण और चंद्रमा को हमारा मन माना गया है.
– सूर्य और चंद्रमा का संबंध बनने की वजह से ये तिथि बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है.
– इसलिए इस दिन जो भी काम किया जाए उसका फल दोगुना और कभी न खत्म होने वाला होगा.
इस दिन करें ये शुभ कार्य :
– अक्षय तृतीया को शादी, गृह-प्रवेश, कपड़े और जेवर की खरीददारी या घर, जमीन, गाड़ी की खरीददारी से जुड़े काम किए जा सकते हैं.
– इस दिन नया कपड़ा, जेवर पहनना और नई संस्था और काम का उद्घाटन शुभ माना जाता है.
– पौराणिक मान्यता है कि इस दिन पितृ पक्ष को किया गया तर्पण और पिंडदान या किसी भी तरह का दान अक्षय फल देता है.
– इस दिन किया गया गंगा स्नान और पूजन सभी पापों को नष्ट करता है.
– सम्पन्नता की कामना हर इंसान को होती है. इसी वजह से इस दिन सोना खरीदने से वह अक्षय मतलब कभी न खत्म होने वाला होगा.
– अक्षय तृतीया को किया गया जप, तप, हवन, पूजा, दान का फल कई गुना बढ़ जाता है.
– इस दिन हमें सद्गुणों के लिए प्रार्थना करनी चाहिए और जाने अनजाने में किए गए पापों की क्षमा याचना करनी चाहिए.