प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्वीडन और ब्रिटेन की पांच दिवसीय यात्रा पर रवाना होंगे। अपनी इस यात्रा से पहले उन्होंने कहा कि वह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय साझेदारी को और प्रगाढ़ करने को लेकर आशान्वित हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के साथ व्यापार, निवेश और स्वच्छ ऊर्जा समेत विभिन्न क्षेत्रों में संबंध मजबूत होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वदेश वापसी के दौरान 20 अप्रैल को बर्लिन में भी कुछ देर के लिए ठहरेंगे। अपनी यात्रा के पहले चरण में मोदी स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम पहुंचेंगे। यहां वह अपने स्वीडिश समकक्ष स्टीफन लोफवेन से व्यापक वार्ता करेंगे, तथा भारत नोर्डिक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन में फिनलैंड, नार्वे ,डेनमार्क और आईसलैंड के प्रधानमंत्री हिस्सा लेंगे। मोदी ने फेसबुक पर लिखा, भारत और स्वीडन के बीच दोस्ताना रिश्ता है। हमारी साझेदारी लोकतांत्रिक मूल्यों तथा खुले, समावेशी एवं नियमों की बुनियाद पर टिकी वैश्विक व्यवस्था के प्रति कटिबद्धता पर आधारित है। स्वीडन हमारे विकास पहलों में एक मूल्यवान साझेदार है।
दोनों प्रधानमंत्री मंगलवार को द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। प्रधानमंत्री का स्वीडन के नरेश कार्ल सोलहवें गुस्ताफ से भी मिलने का कार्यक्रम है।
प्रधानमंत्री ने कहा, स्वच्छ प्रौद्योगिकियों, पर्यावरण हल, बंदरगाह आधुनिकीकरण, कोल्ड चेन, कौशल विकास और नवोन्मेष में नोर्डिक देशों की ताकत का लोहा विश्व मान चुका है। नोर्डिक क्षमता भारत के परिवर्तन के हमारे दिशादृष्टि में सटीक बैठती है।
स्वीडन से मोदी मंगलवार को ही ब्रिटेन जाएंगे। लंदन में वह ब्रिटिश समकक्ष थेरेसा मे के साथ द्विपक्षीय भेंटवार्ता के अलावा राष्ट्रमंडल देशों के शासनाध्यक्षो की बैठक में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, लंदन की मेरी यात्रा दोनों देशों को इस बढ़ती द्विपक्षीय साझेदारी में एक नई गति पैदा करने का एक मौका प्रदान करती है। मैं स्वास्थ्य,नवोन्मेष , डिजिटलीकरण, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, स्वच्छ ऊर्जा और साइबर सुरक्षा के क्षेत्रों में भारत ब्रिटेन साझेदारी बढ़ाने पर बल दूंगा।