बता दें कि इस प्रदर्शनी में भाप से चलने वाले इंजन से लेकर आने वाले समय की बुलेट ट्रेन को भी दर्शाया गया है। इस प्रदर्शनी में सेल्फी पॉइंट युवाओं के लिए खास आकर्षण का केंद्र बने। वही बच्चों ने 1853 में पहली बार चले स्टीम इंजन की झलकियों को जीवंत रूप में देखा।
प्रदर्शनी में भोपाल स्टेशन रीडेवलपमेंट का मॉडल भी आकर्षण का केंद्र बना। यह मॉडल भोपाल स्टेशन पर भविष्य में उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं को दर्शा रहा है। प्रदर्शनी के पहले दिन बड़ी संख्या में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक का जमावड़ा रहा। छुट्टी के कारण भारी भीड़ रही और लोगों ने रेल की विकास यात्रा को समझा।