राज्य सरकार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा क्रियान्वित की जा रही सभी फोरलेन परियोजनाओं की प्रगति की प्रत्येक तीन माह के बाद समीक्षा करेगी ताकि यह सुनिश्चित बनाया जा सके कि परियोजनाएं तय समय सीमा के भीतर पूरी हों। यह बात मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर ने आज यहां एनएचएआई के अधिकारियों के साथ किरतपुर-नेरचौक-पंडोह-कुल्लू-मनाली तथा परवाणु-शिमला फोरलेन सड़कों की प्रगति की समीक्षा करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार विभिन्न स्वीकृतियां प्राप्त करने में क्रियान्वयन एजेंसियां को पूरा सहयोग प्रदान करेगी। लेकिन क्रियान्वयन एजेंसियां की यह जिम्मेवारी होगी कि लक्ष्यों को निर्धारित समयवधि में पूरा करें।
उन्होंने कहा कि इन दोनों मुख्य राजमार्गों पर पर्यटक वाहनों की भीड़ है, इसलिए यह सुनिश्चित बनाया जाना चाहिए कि निर्माण कार्य इस ढंग से किया जाए, जिससे सैलानियों तथा आम लोगों को कम से कम असुविधा हो। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के जिन हिस्सों को स्वीकृतियां प्रदान की जा चुकी हैं उनके कार्यों में तेजी लाई जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्य मापदण्डों के अनुरूप किया जाना चाहिए और गुणवत्ता को लेकर किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता। उपयोगिता और स्थानांतरण अनुमानों की मंजूरी में देरी पर चिंता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मामला उपयुक्त अधिकारियों के साथ शीघ्र उठाया जाना चाहिए ताकि कार्य शुरू करने में अनावश्यक विलम्ब से बचा जा सके।श्री जय राम ठाकुर ने कहा कि फोरलेन क्रियान्वयन एजेंसियों को सुनिश्चित बनाया जाना चाहिए कि इन परियोजनाओं के कारण पर्यावरण को कम से कम क्षति हो।
अतिरिक्त मुख्य सचिव लोक निर्माण श्री अनिल खाची ने इन परियोजनाओं में की गई प्रगति के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत करवाया।अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव श्रीमती मनीषा नन्दा, एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी श्री गुरसेवक सिंह सांघा, परियोजना निदेशक कर्नल योगेश तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे