मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किया आव्हान
समन्वयकों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि समाज को बदलने के लिये जनअभियान परिषद आगे आये। महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण, जल-संरक्षण और सामाजिक समरसता के प्रति सामाजिक चेतना जागृत करने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि परिषद वार्षिक कार्य-योजना बनाकर इस दिशा में कार्य करे। श्री चौहान आज शारदा विहार में परिषद के राज्य, संभाग, जिला और विकासखंड स्तरीय समन्वयकों के तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए राज्य में अनेक कार्य किए गए हैं। अपेक्षित परिणाम के लिए इन कार्यों के साथ ही समाज की सोच में बदलाव की जरूरत है। इसी तरह पर्यावरण और जल-संरक्षण के प्रति जन-चेतना जागृत किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि नर्मदा सेवा मिशन से नदी और पर्यावरण-संरक्षण के प्रति प्रदेश में नई चेतना का निर्माण हुआ है। इसे बनाए रखना आवश्यक है। आगामी जुलाई माह में पौध-रोपण के कार्य में अधिक से अधिक जनता को जोड़ने का प्रयास किया जाए। इसी तरह जल-संसद के बाद विस्तृत कार्य-योजना बनाकर जन अभियान परिषद जल-संरक्षण का अभियान चलाएं।
मुख्यमंत्री ने देश विरोधी विघटनकारी शक्तियों के प्रति भी आगाह किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश जिस गति से प्रगति कर रहा है। उससे शीघ्र ही उसका विश्व में नंबर एक देश बनना निश्चित है। इससे कई राष्ट्र विरोधी शक्तियाँ विचलित हैं। वह समाज को विघटित करने के कार्य कर रही हैं। ऐसे में सामाजिक समरसता का वातावरण बनाने का कार्य परिषद करे। असंगठित मजदूरों के कल्याण के लिए संचालित योजना की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी पात्र व्यक्ति योजना के लाभ से वंचित नहीं रहे।
श्री चौहान ने परिषद की सराहना करते हुए कहा कि परिषद प्रदेश का सबसे विश्वसनीय आदर्श संगठन है। उन्होंने युधिष्ठिर-यक्ष संवाद, गीता के श्लोक और मंदिर निर्माण में लगे श्रमिकों के प्रसंगों के माध्यम से समन्वयकों को सफलता पूर्वक कार्य करने के लिये दृष्टिकोण, कार्य-शैली और उद्देश्यों के प्रति समर्पण की आवश्यकता और महत्ता को बताया। उन्होंने कहा कि कार्य-क्षेत्र में सफलता के लिए आवश्यक है कि कार्यकर्ता निरंतर क्षेत्र में भ्रमण करें। वह धैर्यवान हो। उसका व्यवहार सबके साथ मधुर हो। वह सात्विक कार्यकर्ता की भाँति राग-द्वेष, लोभ-प्रलोभ, मान-अभिमान से निरपेक्ष रह कर कार्य करें।
बताया गया कि तीन दिवसीय प्रशिक्षण 21 अप्रैल को प्रारंभ हुआ, जिसमें राज्य से लेकर विकासखण्ड स्तर के समन्वयकों ने भाग लिया। इस अवसर पर परिषद के सलाहकार श्री अखिलेश श्रीवास्तव और कार्यपालक निदेशक श्री धीरेंद्र पांडे भी उपस्थित थे। प्रारंभ में परिषद के उपाध्यक्ष श्री राघवेंद्र गौतम ने स्वागत भाषण दिया। आभार प्रदर्शन उपाध्यक्ष श्री प्रदीप पांडे ने किया।