ब्राह्मण समाज के साथ स्वर्ण समाज भी आरक्षण को लेकर सरकार के खिलाफ लामबंद होता जा रहा है। जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, मध्यप्रदेश में राजनीतिक भौगोलिक स्थिति परिवर्तित होती नजर आ रही है। आरक्षण का मुद्दा दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। इस पूरे मामले पर भाजपा प्रवक्ता का कहना है कि, ऐसी परिस्थितियों में हम सभी समाजों के साथ बातचीत करेंगे, हमने इस ओर बातचीत की शुरुआत भी कर दी है।नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष डॉ. हितेष वाजपेयी का कहना है कि, जैसे-जैसे मध्यप्रदेश में चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, क्योंकि जातिवाद का कार्ड खेलना भाजपा का हिस्सा नहीं रहा है तो स्वाभाविक है कि, जाति के आधार पर विभाजन कर इसका सीधा फायदा कांग्रेस उठाना चाहती है। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में हम सभी समाजों के साथ बातचीत करेंगे और हमने इस ओर बातचीत की शुरुआत भी कर दी है।
हितेश वाजपेई का कहना है कि, यदि किसी भी समाज के मन में किसी भी प्रकार का प्रश्न है, तो उसके जवाब भी हमारे द्वारा तैयार किए जाएंगे और राजनीतिक लड़ाई राजनीतिक तरीके से ही लड़ी जाएगी। जब चारों तरफ जातिवाद की बात होती है. तो स्वाभाविक है कि हर एक वर्ग में अपने मूलभूत प्रश्न खड़े हो सकते हैं, लेकिन इससे भाजपा को घबराने की जरूरत नहीं है, इस पूरे मामले में केवल संवाद की आवश्यकता है और यह सब भाजपा कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है और हम इसे बड़े अच्छे ढंग से निभाएंगे।
उन्होंने कहा कि, आरक्षण की जो व्यवस्था है वह मूलभूत पवित्र व्यवस्था है, उसका उद्देश्य अच्छा है। उसके लिए जो प्रावधान किए गए हैं, वह बहुत ही अच्छे उद्देश्यों को लेकर ही किए गए हैं और साथ ही साथ सरकारें अंत्योदय के लिए होती है। इसलिए सरकार अंत्योदय का भी काम करती है। जो जाति पर आधारित नहीं है, जैसे गरीबी राशन कार्ड गरीबी राशन कार्ड में जाति नहीं देखी जाती है, यह केवल आर्थिक आधार पर ही बनाए जाते हैं।
नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष डॉ. हितेष वाजपेयी का कहना है कि, यदि कहीं कमी महसूस हो रही है, तो उसे ठीक करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि किसी भी वर्ग का व्यक्ति हो यदि वह आर्थिक रुप से कमजोर है, तो सरकार के दायित्व और ज्यादा बढ़ जाता है कि, हम उसके लिए कुछ अच्छा काम कर सकें, ताकि उसे यह तो लगे कि सरकार हमारे प्रति अच्छी सोच रखती है।