मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दिल्ली दौरे में पीएम नरेंद्र मोदी से विभिन्न मसलों पर चर्चा कर हिमाचल की मदद का आग्रह किया था। यदि इंडस्ट्री सेक्टर में पूंजीगत निवेश व परिवहन सब्सिडी की राहत मिले तो हिमाचल में निवेश और बढ़ेगा, जिससे रोजगार भी पैदा होंगे। हिमाचल में इससे पहले अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समय इंडस्ट्रियल पैकेज मिला था। वर्ष 2003 में वाजपेयी सरकार ने दस साल के लिए पैकेज दिया था, लेकिन केंद्र में यूपीए सरकार के समय पैकेज की अवधि कम कर दी गई थी। इस पर हल्ला मचा और भाजपा ने कांग्रेस तथा यूपीए सरकार को घेरा तो तत्कालीन मनमोहन सरकार ने पूंजीगत निवेश में सब्सिडी सहित कुछ अन्य मदों में राहत दी थी। ये राहत अवधि भी इस साल के मार्च महीने में खत्म हो चुकी है।
हिमाचल की जयराम सरकार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का लाभ उठाना चाहती है। विकट आर्थिक संकट से जूझ रही हिमाचल सरकार को केंद्र से मदद की आस है। राज्य सरकार इंडस्ट्रियल पैकेज के विभिन्न मदों में राहत चाहती है। अब तक हिमाचल को मिले पैकेज से प्रदेश को कई लाभ हुए हैं। केंद्र के पैकेज से 14 हजार के करीब उद्योगों को लाभ मिला था। साथ ही 1.08 लाख युवाओं को रोजगार भी मिला था।
हिमाचल में वाजपेयी सरकार के समय मिले पैकेज के कारण 2003 के बाद प्रदेश में 15 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हो चुका है। पैकेज की अवधि खत्म होने के बाद साल 2016-17 में लगातार उद्योगों के पलायन व इनमें तालाबंदी होती रही। इसे लेकर हिमाचल में भाजपा व कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी चलता रहा। अब जयराम सरकार नए सिरे से पैकेज के लिए प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जयराम सरकार की इस पहल को सकारात्मक संकेत दिए हैं।