चुनौती मेरी नहीं है, मध्य प्रदेश के भविष्य की है, प्रदेश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है कि जब कर्ज में डूबा किसान आत्महत्याएं कर रहा है, दुखी है। मजदूर परेशान है और महिलाएं असुरक्षित हैं। इसलिए अब जनता बदलाव चाहती है। एक निजी चैनल से बातचीत में छिंदवाड़ा सांसद कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस को इस समय प्रदेश में हर किसी की जरूरत है। मेरी कांग्रेस के छोटे से छोटे कार्यकर्ता से अपील है, वह आगे आएं और एकजुट होकर काम करें। कार्यवाहक अध्यक्षों से चर्चा कर प्रदेश में रणनीति तैयार की जाएगी। कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं है। प्रदेश में भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सब एकजुट हैं और प्रदेश के लिए एकजुट रहेंगे।
कमलनाथ ने ट्वीट करके सोनिया गांधी और राहुल गांधी का आभार जताया है। उन्होंने लिखा, ” मुझे प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी जो सौंपी गई है उसके लिए मैं प्रतिबद्धता, साहस और आपसी तालमेल के साथ बीजेपी और गैर-धर्मनिरपेक्ष ताकतों की हार सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ काम करूंगा,सोनिया गांधी जी एवं श्री राहुल गांधी जी आपके विश्वास के लिए कोटि कोटि धन्यवाद।”
बता दें कि गुरुवार को पार्टी ने प्रदेश कांग्रेस की कमान कमलनाथ को सौंप दी गई है। इसके साथ ही गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव कैंपेन कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है। इसके साथ ही कई दिनों से चल रही अटकलों पर विराम लग गया है। आल इंडिया कांग्रेस कमेटी कार्यालय से राष्ट्रीय महासचिव अशोक गेहलोत की तरफ से पत्र जारी कर दिया गया है। दो बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह और प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह को फिलहाल कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है।कमलनाथ के अध्यक्ष बनते ही भोपाल से लेकर छिंदवाड़ा तक उनके समर्थक बधाई लिखे पोस्टर लेकर कार्यकर्ता निकल पड़े और ढोल नगाड़ों के साथ खुशियां मनाईं। मिठाईयां बांटी गईं। पीसीसी कार्यालय भोपाल में जश्न का माहौल है, कार्यकर्ता कमलनाथ की जयकारे लगा रहे हैं।
बीजेपी ने पिछले हफ्ते ही बड़ा फेरबदल करते हुए प्रदेश अध्यक्ष को बदल दिया था। जबलपुर से तीन बार से सांसद राकेश सिंह को उनकी संगठनात्मक क्षमताओं को देखते हुए प्रदेश बीजेपी की कमान सौंपी गई थी। वहीं, गांधी परिवार के बेहद करीबी रहे कमलनाथ प्रदेश में कांग्रेस के कद्दावर नेता माने जाते हैं और कहीं न कहीं, राकेश सिंह से बड़ा कद रखते हैं। 2014 में मोदी लहर के बावजूद वह छिंदवाड़ा से अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे थे।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की घोषणा 29 को होनी थी, लेकिन 4 मई को भाजपा के राष्ट्रीय अमित शाह की भोपाल में होने वाली मीटिंग को देखते हुए तीन दिन पहले ही इसकी घोषणा कर दी गई। कमलनाथ ने दो दिन पहले ही इंदौर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसके संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को प्रदेश में एक नहीं कई चेहरों की दरकार है।
राकेश सिंह को प्रदेश अध्यक्ष की कमान देकर बीजेपी ने महाकौशल और विंध्य क्षेत्र को साधने की कोशिश की है, ऐसे में छिंदवाड़ा से सांसद कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष और गुना के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश चुनाव कैंपेन कमेटी का चेयरमैन बनाकर कांग्रेस ने भी क्षेत्रीय संतुलन बनाने की कोशिश की है।जहां एक तरफ भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार चौहान को हटाने के बाद संगठन में मालवा-निमाड़ को ज्यादा तवज्जो नहीं दी। वहीं, कांग्रेस ने मालवा-निमाड़ से इंदौर के विधायक जीतू पटवारी और बड़वानी के बालावचन को वर्किंग प्रेसिडेंट बनाकर चौंका दिया है। वहीं ग्वालियर-चंबल को भी साधा गया है। इसमें श्योपुर से विधायक रामनिवास रावत और सागर के पूर्व सुरेंद्र चौधरी को वर्किंग प्रेसिडेंट बनाया है।