उत्तर-पूर्व राज्य मिजोरम में स्थानीय निकाय में सत्ता के लिए BJP और कांग्रेस ने गठबंधन किया है. इसके बावजूद दोनों ही दल सत्ता के करीब पहुंच कर भी चुनाव हार गए. विपक्षी गठबंधन ने सत्ता हथिया ली. बता दें कि भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने मिजोरम के चकमा स्वायत्त जिला परिषद (सीएडीसी) के लिए हुए चुनाव में सत्ता के लिए एक दूसरे का हाथ थाम लिया है. दरअसल 20 सदस्यीय सीएडीसी के चुनाव में कांग्रेस ने छह और बीजेपी ने पांच सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने सबसे अधिक आठ सीटों पर कब्जा जमाया था.
ऐसे में सत्ता के लिए जरूरी 11 सीट हासिल करने में सभी पार्टी दूर रहीं. न तो कांग्रेस और न ही बीजेपी को बहुमत मिला. ऐसे में दोनों ही पार्टियों के स्थानीय नेताओं ने चुनाव के बाद गठबंधन कर परिषद पर कब्जा जमा लिया. सीएडीसी के लिए 20 अप्रैल को वोट डाले गये थे.
स्थानीय नेताओं के इस अप्रत्याशित कदम से राज्य बीजेपी नाराज है. वहीं, कांग्रेस ने कहा कि दोनों दलों के स्थानीय नेताओं ने समझौता किया है और चुनाव बाद यह गठबंधन बना. उन्होंने आगे कहा कि इस गठबंधन से राज्य के विधानसभा चुनावों से कोई संबंध नहीं है.
बता दें कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को चुनाव परिणाम के बाद कहा था कि वहां पर मिजोरम नेशनल फ्रंट और बीजेपी को बहुमत मिला है और दोनों मिलकर सत्ता चलाएंगे. लेकिन बाद में चुनाव परिणाम के बाद पार्टी के स्थानीय नेताओं के पाला बदलने की खबरें आईं. मिजोरम उत्तर पूर्व का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां पर कांग्रेस की सरकार है. बीजेपी पूरी तरह इस प्रयास में है कि जब इस साल के अंत तक विधानसभा के चुनाव होंगे तब यहां पर कांग्रेस दोबारा सत्ता में वापस न आए.
बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने कम सीटें जीतने वाली बीजेपी को काउंसिल का अध्यक्ष पद दिया है जबकि ज्यादा सीटें जीतने के बाद भी उपाध्यक्ष का पद अपने पास रखा है.
खबर के मुताबिक गठबंधन फॉर्मूले के तहत बीजेपी के संती जीबान चकमा चकमा स्वायत्त जिला परिषद के नेता होंगे वहीं कांग्रेस के बुद्ध लीला चकमा सदन के उपनेता होंगे. सीएडीसी एक स्वायत्त परिषद है.