बैठक के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रभावितों को 30 अप्रैल का समय दिया है। फोरलेन संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष ब्रिगेडियर खुशहाल ठाकुर ने कहा कि प्रभावित और विस्थापित लंबे समय से अपने हकों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत प्रभावितों को मुआवजा दिया जाना था जिसमें पुनर्वास, पुनर्स्थापन व रोजगार समेत कई अधिकारों का प्रावधान है।
ब्रिगेडियर खुशहाल ठाकुर का कहना है कि प्रभावितों को मकानों का जो मुआवजा दिया जा रहा है पहले उस धनराशि पर ब्याज का प्रावधान था, लेकिन एनएचएआई ने मिलने वाले ब्याज पर भी कैंची चला कर प्रभावितों के साथ अन्याय किया है। उनका कहना है कि वो विस्थापित व प्रभावित सड़क निर्माण के विकास विरोधी नहीं हैं, लेकिन भोले-भाले ग्रामीणों के हकों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
उन्होने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून 2013 की अवहेलना कर प्रभावितों के साथ अन्याय किया है लेकिन भाजपा सरकार ने प्रभावितों के मुद्दे को अपने विजन डाक्युमेंट में शामिल किया है ऐसे में उन्हें वर्तमान सरकार से न्याय की पूरी उम्मीद है। ब्रिगेडियर ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर स्वयं एक किसान परिवार से रहे हैं व प्रभावित-विस्थापित लोगों व किसानों का दर्द समझते हैं। उन्हें मुख्यमंत्री से न्याय की पूरी उम्मीद है।