सम में आ रहे बदलाव की वजह से वायरल फीवर तेजी से फैल रहा है। स्थिति यह हो गयी है कि थोड़ी सी भी लापरवाही करने पर तीन से सात दिनों तक बुखार जकड़े रहता है। ऐसी हालत में एंटी बायोटिक का दवा का इस्तेमाल करने से बचे। इसके इस्तेमाल से शरीर का तापमान तेजी से कम होता है। मगर बाद में बढ़ने की संभावना रहती है।
डॉ. हेमशंकर शर्मा ने कहा कि वायरल फीवर होने पर डाक्टर की सलाह पर ही दवा का इस्तेमाल करें। एंटीबायोटिक दवा का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद हो गया है। वहीं डॉ. कृष्णा सिंह ने बताया कि घरेलू नुस्खे के इस्तेमाल से वायरल फीवर का इलाज संभव है।
- ठंडे पानी की पट्टी सिर पर बार-बार रखने से तापमान कम होता है।
- खांसी, सर्दी, बुखार होने पर सितोपलादी चूर्ण का प्रयोग करना चाहिए। यह शरीर में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
- तुलसी की 10-15 पत्ती को तोड़कर कालीमिर्च के साथ पीसकर इस्तेमाल करने पर बुखार में कमी आने लगती है।
- अदरक के रस को नींबू और तुलसी के रस के साथ शहद में डालकर लेने से सर्दी-खांसी और बुखार की परेशानी दूर हो जाती है।
- त्रिफला चूर्ण में ज्वर नाशक गुण होता है। इससे दस्त भी साफ होता है और बुखार भी कम होता है।