1 मई मंगलवार से गर्मी का ज्येष्ठ मास शुरू हो रहा है. महीना विशाखा नक्षत्र से शुरू होगा. हिंदी के इस साल दो ज्येष्ठ मास होंगे. एक ज्येष्ठ मास और दूसरा ज्येष्ठ अधिकमास है. प्रचंड गर्मी से आपकी परेशानी बढ़ेगी. कार्यों में भी बाधाएं आएंगी.
हिंदी के ज्येष्ठ मास में गर्मी बहुत सताती है. इसबार गर्मी भी ज्यादा पड़ेगी
साथ ही लगभग सभी राशियों के लिए बुरा वक्त चलेगा
क्योंकि गर्मी का एक मास ज्येष्ठ अधिक मास बढ़ गया है
इस साल दो ज्येष्ठ मास होगे
बहुत गर्मी पड़ेगी.
साथ ही समय बहुत कठिन तरीके से बीतेगा
सभी राशियों को नौकरी व्यापार में बहुत कठिनाई और संघर्ष रहेगा
नौकरी जा सकती है. व्यापार ठप्प हो सकता है
पैसे और सुख शांति और अच्छी सेहत की कमी खलेगी.
1 मई से 28 जून तक अंग्रेजी के लगभग दो मास हिंदी का दोगुना ज्येष्ठ मास रहेगा
एक शुद्ध ज्येष्ठ मॉस और दूसरा ज्येष्ठ अधिकमास होगा
सूर्य इस बार तीन राशियों -मेष वृष और मिथुन राशि में रहेंगे
सूर्य तबतक खूब आग जैसी गर्मी बरसाएंगे
यानी सावन से पहले एक मॉस आषाढ़ मास भी गर्मी का रहेगा
तीन महीने जमकर गर्मी पड़ेगी
सूर्य कर्क राशि में रहेंगे
तीन मास ( एक मई से जून और 28 जुलाई तक ) में सूर्य बहुत गर्मी देंगे
तब जाकर 28 जुलाई के बाद ही सावन की वर्षा आएगी
लू से तेज़ बुखार चढ़ सकता है
,विटामिन सी की कमी होगी
प्रचंड धूप और ज्यादा तनाव से कमजोर लोगों के नाक से खून आ सकता है
गर्मी बर्दाश्त हो जाये, गर्मी में लू ना लगे, नाक की नकसीर ना आए
सावधान रहना होगा और उपाय करना होगा
गर्मी से तबियत बिगड़ने लगे तो मरीज को ठन्डे पानी से मुंह धुलाकर ठन्डे स्थान पर रखें
ठन्डे पानी की पट्टी माथे पर रखें, बर्फ माथे पर रगड़ें
फिटकरी वाला पानी से मुहं धोएं ,
फिर अंगूर या निम्बू या प्याज का रस २-४ बून्द नाक में डालें
गर्मी में नाक से खून आता हो तो खून आना रुक जाता है
हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष 2018 में दो ज्येष्ठ माह होंगे. अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से साल के 365 दिन में ही यह तिथियां भी शामिल होंगी.
हिंदू पंचांग के हिसाब से तीन वर्षों तक तिथियों का क्षय होता है. तिथियों का क्षय होते होते तीसरे वर्ष एक माह बन जाता है.
क्षय तिथियां 3 साल तक जुड़कर एक महीने के बराबर हो जाता है. इस वजह से हर तीसरे वर्ष बाद एक अधिकमास आता है.
वर्ष 2018 में 16 मई से 13 जून तक की अवधि में ज्येष्ठ अधिकमास की रहेगी.
वैसे ज्येष्ठ माह इसके पूर्व 1 मई से प्रारंभ होकर 28 जून तक रहेगा
परंतु कृष्ण और शुक्ल पक्ष के दिनों के मान से अधिकमास
मई जून के मध्य भाग में रहेगा.
अधिक मास को मल मास, पुरूषोत्तम मास आदि नामों से पुकारा जाता हैं.
जिस चंद्र मास में सूर्य संक्राति नहीं होती, वह अधिक मास कहलाता है
सूर्य घर नहीं बदलते है और
जिस चंद्र मास में दो संक्रांतियों का संक्रमण हो रहा हो उसे क्षय मास कहते हैं.
इसके लिए मास की गणना शुक्ल प्रतिपदा से अमावस्या तक की गई है.
अधिकमास बुरा ना गुजरे –उपाय करना चाहिए
अधिकमास में सूर्य को जल जरूर चढ़ाना चाहिए
नारियल और लाल वस्त्र का दान करें
बाधाएं आए तो क्या करें
अधिक मास में आपका भाग्य साथ नहीं देगा और काम नहीं बनेंगे
हर काम में बाधा रहेगी
धन की हानि हो सकती है –सेहत अच्छी नहीं होगी और क्लेश बढ़ सकता है
पढ़ाई या काम में मन नहीं लगेगा –सभी में आलस्य रहेगा ,उत्साह नहीं दिखेगा
यह अधिक मास अच्छा नहीं गुजरता है
परेशानी से बचने का उपाय
तीन महीना हर बुरी आदत से परहेज करो
शराब या माँसाहारी भोजन को हाथ ना लगाना
गंगाजल डालकर नहाये –एक बार गंगा जरूर नहा लें
आम ,पपीता खरबूजा और तरबूज दान करें
किसी को बड़ा भाई बनाकर या अपने बड़े भाई की खूब सेवा करें
गर्मी से बचने के लिए क्या करें
गर्मी के दिनों में आवंले का जूस, नारियल पानी, निम्बू पानी
खीरे -ककड़ी का जूस काला नमक निम्बू डालकर पीयें
सौंफ ,ककड़ी बीज ,खरबूजे के बीज और
गुलकंद पीसकर पानी मिलाकर छान लें
इस रस को मिश्री मिला मिलाकर पीते रहें
धन दौलत को पाने का क्या उपाय करें
ताकि ख़ुशी भी बनी रहे
अधिकमास को विष्णु जी ने पुरुषोत्तम मास का नाम दिया है
उपाय से विष्णु जी धन देते है
तीन महीने गले में पीले धागे में आम की लकड़ी पहने
चंदन का तिलक लगाएं –चंदन दिमाग को ठंडा रखता है
चंदन का इत्र लगाएं
हर गुरुवार को लक्ष्मी -विष्णु जी को लडडू चढ़ाएं.